27 अक्टूबर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Business Desk: छठ पूजा से पहले सोना-चांदी के दामों में गिरावट ने बाज़ार में नई रौनक ला दी है। त्योहारों के इस मौसम में जहां लोग पूजा की तैयारियों में जुटे हैं, वहीं कीमती धातुओं की कीमतों में आई नरमी ने खरीददारों को राहत दी है। रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद अब सोने और चांदी दोनों की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में मुनाफावसूली और आर्थिक संकेतों ने इस गिरावट को बढ़ावा दिया है।
करीब दस दिन पहले 24 कैरेट सोना ₹1,32,770 प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था, लेकिन अब यह अपने उच्चतम स्तर से 5% से अधिक सस्ता हो गया है। दिल्ली के सर्राफा बाज़ार में आज (27 अक्टूबर) सोने की कीमत ₹10 गिरकर ₹1,25,760 प्रति 10 ग्राम पर आ गई। पिछले हफ्ते ही सोने के भावों में ₹5,950 तक की बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी। इसी तरह, चांदी की चमक भी फीकी पड़ी है। दिल्ली में आज चांदी ₹1,54,900 प्रति किलोग्राम पर बिक रही है, जो कल के मुकाबले ₹100 कम है। इससे पहले लगातार चार दिनों तक चांदी के भावों में ₹17,000 प्रति किलो तक की गिरावट देखी गई थी। मुंबई और कोलकाता में चांदी के दाम समान हैं, जबकि चेन्नई में यह ₹1,69,900 प्रति किलो तक पहुंच चुकी है।
देश के 10 बड़े शहरों में सोने की कीमतों में मामूली अंतर देखने को मिल रहा है। दिल्ली में 24 कैरेट सोना ₹1,25,760 प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना ₹1,15,290 प्रति 10 ग्राम पर है। मुंबई और कोलकाता में यह क्रमशः ₹1,25,610 और ₹1,15,140 प्रति 10 ग्राम है। दक्षिण भारत के चेन्नई में 24 कैरेट सोना ₹1,25,440 पर और बेंगलुरु व हैदराबाद में ₹1,25,610 प्रति 10 ग्राम पर बिक रहा है। लखनऊ, जयपुर, पटना और अहमदाबाद में भी दाम लगभग इसी स्तर पर हैं।
कीमतों में आई गिरावट की दो मुख्य वजहें हैं — पहली, अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में ऊंचे स्तर पर निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली; और दूसरी, वैश्विक व्यापारिक संकेतों में सुधार, जिससे डॉलर मजबूत हुआ और सोने पर दबाव बढ़ा। बाज़ार विशेषज्ञों का कहना है कि यदि वैश्विक परिस्थितियां स्थिर रहीं, तो सोना-चांदी की कीमतें कुछ समय तक इसी स्तर पर बनी रह सकती हैं।
छठ पूजा जैसे शुभ अवसर पर सोने-चांदी की कीमतों में आई यह गिरावट उपभोक्ताओं के लिए सुनहरा मौका मानी जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह समय निवेश और आभूषण खरीदारी दोनों के लिए अनुकूल है — क्योंकि त्योहारी सीज़न में ऐसे अवसर बार-बार नहीं आते।













