संघर्षविराम से पहले पंजाब ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 11,900 अस्पताल बेड किए तैयार

11मई, 2025 Fact Recorder

भारत-पाक टकराव से पहले पंजाब ने की थी आपात तैयारी, अस्पतालों में 11,900 बिस्तरों की व्यवस्था

भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम से पहले ही पंजाब सरकार ने किसी भी संभावित सैन्य टकराव से निपटने के लिए व्यापक तैयारी कर ली थी। राज्य भर के अस्पतालों में कुल 11,951 बिस्तरों को चिन्हित किया गया था, जिनमें 10,800 सेकेंडरी लेवल और 1,151 टर्शियरी केयर अस्पतालों में रखे गए थे। यह तैयारी युद्धविराम लागू होने से पहले ही कर ली गई थी।

राज्य सरकार ने जिला, सब-डिवीजन और ब्लॉक स्तर पर आपात स्थिति से निपटने के लिए 2,638 बिस्तरों की व्यवस्था की। इनमें से 967 बिस्तर ट्रॉमा केयर के लिए और 187 ICU लेवल की सुविधाओं के लिए चिन्हित किए गए। पटियाला और अमृतसर में सबसे ज्यादा 300-300 बिस्तर आरक्षित किए गए, जबकि पीआईएमएस जालंधर में 103 बिस्तर रखे गए।

वेंटिलेटर और एंबुलेंस की व्यवस्था:
राज्य के जिला अस्पतालों में 126 वेंटिलेटर और 65 ICU बिस्तर उपलब्ध कराए गए। साथ ही 314 ट्रॉमा और क्रिटिकल केयर बेड भी पूरी तरह से कार्यशील हैं। राज्य में कुल 28 ALS, 164 BLS और 300 एंबुलेंस (108 योजना के तहत) उपलब्ध हैं। सभी जिलों के अधिकारियों को एंबुलेंस चालकों के संपर्क नंबर भी उपलब्ध करा दिए गए हैं।

ब्लड बैंक और दवाइयों की उपलब्धता:
सरकारी और गैर-सरकारी ब्लड बैंकों में 11,201 यूनिट ब्लड का स्टॉक तैयार किया गया, जिनमें 5,934 सरकारी और 5,267 निजी केंद्रों में उपलब्ध हैं। सभी सिविल सर्जनों को दवाइयों का पूरा स्टॉक बनाए रखने का निर्देश दिया गया। बीते दो दिनों में अस्पतालों को जरूरी सप्लाई भेजी गई।

डॉक्टरों और स्टाफ की ड्यूटी तय:
सभी डॉक्टरों, नर्सों और कर्मचारियों को 24×7 ड्यूटी पर रहने और अपने-अपने पोस्टिंग स्थल पर मौजूद रहने के निर्देश दिए गए। ऑपरेशन थिएटर, दवाइयों, प्राथमिक उपचार सामग्री और चिकित्सा उपकरणों को कार्यशील स्थिति में बनाए रखा गया है। सभी अस्पतालों में इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम गठित कर दी गई है।

जिले मेडिकल कॉलेजों से जोड़े गए:
राज्य के सभी 23 जिलों को 10 प्रमुख मेडिकल कॉलेजों से जोड़ा गया है, जैसे पटियाला, अमृतसर, फरीदकोट, लुधियाना, जालंधर, बठिंडा आदि। प्राइवेट अस्पताल और IMA से भी सहयोग लिया गया है।

एक सरकारी अधिकारी ने कहा, “युद्धविराम से राहत तो मिली है, लेकिन यह स्थिति हमारे लिए अपनी तैयारियों की समीक्षा का अवसर बन गई। मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।”