हरियाणा में कल से बिजली महंगी हो सकती है। इसकी वजह प्रदेश की उत्तर और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम का 4,520 करोड़ रुपए के घाटे को बताया जा रहा है। इस घाटे से उबरने के लिए हरियाणा बिजली विनियामक आयोग (HERC) ने नए वित्तीय वर्ष में बिजली की दरों में
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सूत्रों के मुताबिक सरकार भी बिजली निगमों को बिजली टैरिफ में मामूली बढ़ोतरी की अनुमति दे सकती है। हरियाणा सीएम नायब सैनी की कैबिनेट में इस बार ऊर्जा मंत्री अनिल विज को बनाया गया है।
2022 में बढ़े थे रेट
हरियाणा में बिजली की दरें एक अप्रैल से लागू होती हैं। दो साल से बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं की गई है। अंतिम बार वर्ष 2022-23 में 150 यूनिट तक के लिए 25 पैसे प्रति यूनिट बढ़ाए गए थे। वर्तमान में दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम में 12.37 प्रतिशत और उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम का में 9.15 प्रतिशत लाइन लास है।
एचईआरसी के चेयरमैन नंद लाल शर्मा आपरेशनल दक्षता को बढ़ाने और औसत आपूर्ति लागत (ACC) और औसत राजस्व वसूली (ARR) के बीच के अंतर को कम करने के लिए पहले ही निर्देशित कर चुके हैं। सूत्रों के अनुसार बिजली निगमों को जहां कार्यकुशलता में सुधार को कहा गया है, वहीं थोड़ी राहत देते हुए बिजली शुल्क टैरिफ में आंशिक बढ़ोतरी को मंजूरी दी जा सकती है।
200 यूनिट से ज्यादा खपत पर 94.47 रुपए एफएसए
बीजेपी सरकार ने एफएसए को साल 2026 तक पहले ही बढ़ा दिया है। बिजली उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट बिजली बिल के हिसाब से 47 पैसे अतिरिक्त एफएसए देना होगा। 200 यूनिट से अधिक बिजली की खपत पर 94.47 रुपए अतिरिक्त भुगतान करना होगा। इस फैसले का कारण बिजली निगमों पर बढ़ रहे डिफाल्टिंग अमाउंट को बताया जा रहा है। हालांकि 200 यूनिट से कम बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को एफएसए का भुगतान नहीं करना होगा।