हिमाचल प्रदेश में अगले दो से तीन दिन के भीतर कांग्रेस का नया संगठन बना दिया जाएगा। पार्टी सूत्र बताते हैं कि अभी प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को नहीं बदला जाएगा। पार्टी मौजूदा अध्यक्ष के साथ आगे बढ़ेगी। प्रतिभा सिंह के साथ पार्टी वर्किंग प्रेसिडेंट के
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कांग्रेस हाईकमान ने पूरी प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC), जिला कांग्रेस कमेटी (DCC) और ब्लाक कांग्रेस कमेटी (BCC) का गठन कर दिया है। अब औपचारिक ऐलान बाकी है। सूत्र की माने तो जिला अध्यक्ष के कारण ऐलान में देरी हो रही है, क्योंकि प्रदेश कांग्रेस के कुछ नेताओं ने संगठनात्मक जिलों की संख्या 13 से बढ़ाकर 17 करने का सुझाव दिया है।

हिमाचल कांग्रेस संगठन बनाने को बीते दिनों के दौरान शिमला पहुंची रजनी पाटिल को स्मृति चिन्ह भेंट करते हुए सीएम सुक्खू (फाइल फोटो)
इसके पीछे तर्क दिया गया कि संगठनात्मक जिला बढ़ने से नेता एडजस्ट होंगे और चुनावी रणनीति बेहतर हो सकेगी। मगर प्रदेश कांग्रेस के कई नेताओं ने इसका विरोध किया है और कहा, हिमाचल में बीजेपी के 17 संगठनात्मक जिला है। इसलिए बीजेपी की नकल करना सही नहीं है।
इसी वजह से जिला अध्यक्ष को लेकर कांग्रेस हाईकमान फैसला नहीं कर पाया। दो जिलों में अध्यक्ष तय होने बाकी है। शेष कार्यकारिणी गठित कर दी गई है। बताया जा रहा है कि इस बार कांग्रेस कार्यकारिणी में निष्क्रिय नेताओं को जगह नहीं दी जाएगी।
संगठन बनाने का फॉर्मूला बदला
नया संगठन हाईकमान द्वारा नवंबर और दिसंबर माह में हिमाचल भेजे गए ऑब्जर्वर की रिपोर्ट के आधार पर तैयार किया जा रहा है। कांग्रेस ने पहली बार संगठन बनाने का फॉर्मूला बदला है। आमतौर पर राज्य अध्यक्ष की तैनाती हाईकमान करता था। इसके बाद राज्य अध्यक्ष नीचे टीम गठित करता था। मगर इस बार हाईकमान ही टीम गठित करके देगा।

खड़गे ने 6 नवंबर को भंग की सभी कार्यकारिणी
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीते साल 6 नवंबर को हिमाचल कांग्रेस की ब्लाक, जिला और राज्य कार्यकारिणी भंग कर दी थी। इसके बाद से सत्तारूढ़ कांग्रेस 147 दिन से बिना संगठन के है। प्रदेश में कांग्रेस संगठन की एक्टिविटी शून्य हो गई है। आलम यह है कि सरकार को डिफेंड करने वाला भी कोई नहीं है। इस वजह से कांग्रेस कार्यकर्ता भी मायूस है।
वन-मेन, वन पोस्ट सिद्धांत लागू
बताया जा रहा है कि सरकार में तैनात नेताओं को संगठन में जगह नहीं दी जाएगी। वन-मैन, वन पोस्ट के सिद्धांत को पार्टी लागू करेगी। इसी तरह निष्क्रिय नेताओं को भी पार्टी संगठन में जगह नहीं देगी।
पार्टी का दावा है कि इस साल के आखिर में होने वाले पंचायतीराज एवं नगर निकाय तथा 2027 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए संगठन तैयार किया जाएगा।