मंडी, 02/05/2025 Fact Recorder
उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि जिला में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से दुर्घटना संभावित स्थलों (ब्लैक स्पॉट्स) की पहचान की गई है, जिनमें से 32 स्थलों का सुधार कार्य बीते वर्ष में पूरा किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि शेष स्थलों का सुधार चरणबद्ध रूप से किया जाएगा।
यह जानकारी उपायुक्त ने आज जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। बैठक में मंडी जिले में सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति की समीक्षा की गई और सुरक्षा उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए विभिन्न निर्णय लिए गए।
उपायुक्त ने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि ओवर स्पीडिंग पर नियंत्रण के लिए स्पीड लिमिट बोर्ड लगाए जाएं और दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में क्रैश बैरियर लगाए जाएं।
उन्होंने क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से चालकों की आंखों की नियमित जांच के लिए शिविर आयोजित करने और पिछले वर्ष शिविरों में कितने चालकों की आंखों की जांच की गई है, इसकी जानकारी प्रदान करने के निर्देश दिए।
इसके अतिरिक्त, उपायुक्त ने एनएचएआई को फोरलेन सड़क पर एम्बुलेंस की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करने और इसकी जानकारी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने फोरलेन के किनारे स्थापित अवैध रेहड़ियों को हटाने के भी निर्देश दिए।
बैठक में उपायुक्त ने क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय तथा स्वास्थ्य विभाग को वार्षिक सड़क सुरक्षा कार्य योजना तैयार करने को भी कहा। लोक निर्माण विभाग द्वारा यह योजना पहले ही तैयार कर ली गई है।
उपायुक्त ने कहा कि सड़क सुरक्षा सभी विभागों की सामूहिक जिम्मेदारी है और आम जनता को भी यातायात नियमों का पालन कर इस दिशा में सहयोग देना चाहिए।
बैठक में अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी डॉ. मदन कुमार, अधिशाषी अभियंता एवं सदस्य सचिव जिला सड़क सुरक्षा समिति डी.के. वर्मा, अतिरिक्त आयुक्त नगर निगम विजय कुमार, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी नवीन कुमार, एमओएच डॉ. दिनेश ठाकुर तथा साइट इंजीनियर एनएचएआई संदीप सिंह भी उपस्थित रहे।
यह जानकारी उपायुक्त ने आज जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। बैठक में मंडी जिले में सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति की समीक्षा की गई और सुरक्षा उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए विभिन्न निर्णय लिए गए।
उपायुक्त ने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि ओवर स्पीडिंग पर नियंत्रण के लिए स्पीड लिमिट बोर्ड लगाए जाएं और दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में क्रैश बैरियर लगाए जाएं।
उन्होंने क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से चालकों की आंखों की नियमित जांच के लिए शिविर आयोजित करने और पिछले वर्ष शिविरों में कितने चालकों की आंखों की जांच की गई है, इसकी जानकारी प्रदान करने के निर्देश दिए।
इसके अतिरिक्त, उपायुक्त ने एनएचएआई को फोरलेन सड़क पर एम्बुलेंस की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करने और इसकी जानकारी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने फोरलेन के किनारे स्थापित अवैध रेहड़ियों को हटाने के भी निर्देश दिए।
बैठक में उपायुक्त ने क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय तथा स्वास्थ्य विभाग को वार्षिक सड़क सुरक्षा कार्य योजना तैयार करने को भी कहा। लोक निर्माण विभाग द्वारा यह योजना पहले ही तैयार कर ली गई है।
उपायुक्त ने कहा कि सड़क सुरक्षा सभी विभागों की सामूहिक जिम्मेदारी है और आम जनता को भी यातायात नियमों का पालन कर इस दिशा में सहयोग देना चाहिए।
बैठक में अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी डॉ. मदन कुमार, अधिशाषी अभियंता एवं सदस्य सचिव जिला सड़क सुरक्षा समिति डी.के. वर्मा, अतिरिक्त आयुक्त नगर निगम विजय कुमार, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी नवीन कुमार, एमओएच डॉ. दिनेश ठाकुर तथा साइट इंजीनियर एनएचएआई संदीप सिंह भी उपस्थित रहे।
