भारत ने बीते एक दशक में अपनी अर्थव्यवस्था को दोगुना कर दुनिया को चौंका दिया है। आईएमएफ के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, भारत की GDP 2015 में $2.1 ट्रिलियन थी, जो 2025 तक बढ़कर $4.3 ट्रिलियन हो गई। यह 105% की वृद्धि दर को दर्शाता है, जो अमेरिका (66%) और चीन (76%) जैसे वैश्विक दिग्गजों से भी तेज है।
भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर आईएमएफ के हवाले से यह आंकड़ा साझा कर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस उपलब्धि को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व और उनकी सरकार की सक्रिय आर्थिक नीतियों का परिणाम बताया। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “यह उपलब्धि स्वतंत्रता के बाद से किसी भी पिछली सरकार को नहीं मिली थी। मोदी सरकार के साहसिक सुधार और व्यापार सुगमता को ध्यान देने से भारत वैश्विक महाशक्तियों को पीछे छोड़ रहा है।”
भारत ने एक उल्लेखनीय आर्थिक मील का पत्थर हासिल किया है, 2015 में अपनी सकल घरेलू उत्पाद को $ 2.1 ट्रिलियन से दोगुना कर दिया है, जो 2025 में $ 4.3 ट्रिलियन हो गया है – किसी भी अन्य प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्था द्वारा बेजोड़ 105% की वृद्धि हुई है। यह असाधारण उपलब्धि प्राइम के निर्णायक नेतृत्व के लिए एक वसीयतनामा है … pic.twitter.com/azyeurgk1f
— Amit Malviya (@amitmalviya) 22 मार्च, 2025
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क्या हैं भारत की विकास दर में वृद्धि के कारण?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस शानदार वृद्धि के पीछे कई कारक जिम्मेदार हैं। मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजनाओं ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है। साथ ही, मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम और आईटी सेक्टर की निरंतर प्रगति ने आर्थिक विकास को गति दी है। भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वैश्विक मंच पर इसकी स्थिति को मजबूत कर रही है। जहां अमेरिका की जीडीपी 30.3 ट्रिलियन डॉलर और चीन की 19.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच रही है, वहीं भारत की विकास दर अन्य देशों की तुलना में अधिक मजबूत दिख रही है।
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आगे का रास्ता और चुनौतियां क्या?
हालांकि, इस ग्रोथ के बावजूद भारत को बेरोजगारी, महंगाई और आय असमानता जैसी चुनौतियों से जूझना होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले दशक में भारत को आर्थिक सुधारों पर अधिक ध्यान देना होगा ताकि यह विकास आम जनता तक पहुंचे और देश को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का सपना साकार हो सके।