राज्य में उदीयमान खिलाड़ी योजना के तहत बच्चों की चयन प्रक्रिया सवालों के घेरे में है। इसके तहत प्रतिमाह 1500 रुपये छात्रवृत्ति का लाभ उन बच्चों को मिलता है जो चयन प्रक्रिया के दौरान शारीरिक दमखम दिखाते हैं। ऐसे में वे बच्चे उपेक्षित हैं, जो टेबल टेनिस या शतरंज जैसे तकनीकी व दिमागी क्षमता वाले खेल खेलते हैं।
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हाल में ज्योतिर्मठ से 14 नन्हें मुन्ने टेबल टेनिस खिलाड़ी देहरादून स्थित राष्ट्रीय खेल सचिवालय पहुंचे थे। हरेक बच्चे के गले में कई पदक खनखना रहे थे। उनके कोच विजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि इनमें से ज्यादातर किसान परिवारों से हैं।
बच्चों के साथ आए टेबल टेनिस के पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी देवेंद्र कांडपाल ने खेल विभाग के अफसरों से कहा कि उदीयमान योजना के लिए मूल्यांकन सिर्फ बैटरी टेस्ट के आधार पर हो रहा है, जिसमें सिर्फ दमखम देखा जाता है। ऐसे में तकनीकी खेलों के बच्चे सरकारी सहायता से उपेक्षित हो रहे हैं।
भारतीय खेल प्राधिकरण के अनुरूप ही उदीयमान खिलाडि़यों के चयन की प्रक्रिया अपनाई गई है। जिस तरह से टेबल टेनिस व अन्य इंडोर खेलों के लिए छात्रवृत्ति की मांग हो रही है, उस पर विचार किया जाएगा। -अमित सिन्हा, विशेष प्रमुख सचिव, खेल