2/May/2025 Fact Recorder
नई दिल्ली. भारतीय ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री के लिए एक बुरी खबर आई है. अमेरिका द्वारा लगाए गए नए टैरिफ से भारतीय निर्यातकों के मुनाफे पर 4,500 करोड़ रुपये तक की मार पड़ सकती है. यह चिंता सिर्फ कारोबारियों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर रोजगार, निवेश और भारत के ‘मेक इन इंडिया’ के सपने पर भी पड़ सकता है.

रेटिंग एजेंसी ICRA के अनुसार, अमेरिका द्वारा इंजन, पावरट्रेन और इलेक्ट्रिकल कंपोनेंट्स जैसे प्रमुख उत्पादों पर 25 फीसदी एकस्ट्रा टैरिफ लगाने से भारतीय निर्यातकों के ऑपरेटिंग प्रॉफिट में 10-15 फीसदी की गिरावट आएगी. पूरी इंडस्ट्री के लाभ पर 3-6 फीसदी का असर पड़ सकता है. FY2026 में रेवेन्यू ग्रोथ रेट घटकर 6-8 परसेंट रहने का अनुमान है, जो पहले 8-10 फीसदी था.
हालांकि मनीकंट्रोल ने एक रिपोर्ट में लिखा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऑटो टैरिफ के असर को कम करने के लिए कुछ राहत संबंधी आदेशों पर हस्ताक्षर किए हैं. ऐसा करने से अमेरिकी कार निर्माताओं को अस्थायी छूट मिलेगी. ट्रंप ने अपने मिशिगन दौरे के दौरान यह कदम उठाया गया, जहां 25% नए टैरिफ लागू होने वाले हैं. हालांकि इससे कुछ राहत मिली, लेकिन इंडस्ट्री और विदेशी साझेदारों ने ट्रेड पॉलिसी को लेकर जारी अनिश्चितता पर चिंता जताई है. एक संभावित फॉरेन ट्रेड एग्रीमेंट और 90 दिनों की टैरिफ रोक ने शेयर बाजार में कुछ सुधार किया, लेकिन कंपनियां अब भी चिंतित हैं.
