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पश्चिम बंगाल में मुर्शिदाबाद जिले के बेडवाना में 190 में से 113 घरों में गिरावट – अमर उजला हिंदी समाचार लाइव

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पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के धूलियान शहर का बेदवना… शहर से दूरी होगी करीब तीन किलोमिटर। जैसे ही सड़क बेदवना की तरफ मुड़ती है…सन्नाटा पसरा है। दिखाई देते हैं केवल बीएसएफ के जवान, पुलिस की जिप्सियां और इक्का-दुक्का स्थानीय लोग।

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जैसे-जैसे सड़क अंदर की ओर जाती है…सबसे पहले टूटा हुआ मंदिर और खंडित भगवान के अवशेष बेदवना की वेदना का सारा हाल बयां कर देते हैं। उपद्रवियों ने यहां पशुओं को भी जिंदा जला दिया। यहां 190 घर हैं और उनमें से शनिवार को हजारों की संख्या में आए उपद्रवियों ने 113 घर पूरी तरह जला कर राख कर दिया। 70 से अधिक परिवार भाग कर मालदा चले गए…कुछ पलायन कर झारखंड चले गए, कुछ जाने को तैयार हैं।

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जान से बड़ा तो कुछ नहीं, छोड़ देंगे गांव

बुजुर्ग गणेश घोष हादसे के एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी सदमे में हैं। कहा-हाथों में तलवार, पेट्रोल बम, हंसिया, और अन्या हथियार। 16 से 24 साल तक के युवा थे। पेट्रोल डाल कर घरों को जला दिया। हम किसी तरह से बचकर भाग निकले। जमीन बेच कर पैसे रखे थे, उनको जला दिया। उपर वाले कमरे में पांच बकरियों को जिंदा जला दिया। सोना, चांदी जो मिला सब लूट कर ले गए। जान सबसे कीमती है, साहब। हाथ जोड़ कर बुजुर्ग दंपती कहते हैं, स्थायी बीएसएफ कैंप मिला तो ठीक नहीं तो सोचना पड़ेगा।

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खूंटी में बंधे पशुओं को जिंदा जला दिया

गांव के सुशांत कहते हैं, घर में कुछ भी नहीं है। सब कुछ जला कर राख कर दिया उपद्रियों ने। उन्होंने कहा, इनसान इतना गिर सकता है हम सोच नहीं सकते थे। गौ शालाओं को जला कर राख कर दिया। इतना तो सुन और मान भी सकते हैं, लेकिन क्या इनसानियत इस कदर गिर सकती है कि खंटी में बंधे पशुओं को आग लगा दें। उपद्रवियों ने गांव के कई पशुओं को खंटी में ही आग लगा दी, जहां उनकी मौत हो गई।

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