यमुना उफान पर: सड़कों-गांव डूबे, अगले 36 घंटे भारी बारिश का अलर्ट; 5 जिलों में स्कूल बंद

यमुना उफान पर: सड़कों-गांव डूबे, अगले 36 घंटे भारी बारिश का अलर्ट; 5 जिलों में स्कूल बंद

02 सितम्बर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर

Haryana Desk:  हरियाणा में पहाड़ों और मैदानी इलाकों में जारी भारी बारिश से हालात बिगड़ गए हैं। यमुना, घग्गर, मारकंडा और टांगरी नदियां खतरे के निशान पर बह रही हैं, जिससे 11 जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। सोमवार को हथिनीकुंड बैराज का जलस्तर सीजन में पहली बार 3,31,653 क्यूसेक तक पहुंच गया और सभी 18 गेट खोल दिए गए। इसके बाद यमुना का पानी देर शाम यमुनानगर की सड़कों और गांवों में घुस गया, जिससे अफरातफरी मच गई। प्रशासन ने नदी किनारे बसे गांवों को खाली कराने के आदेश दिए हैं।

कुरुक्षेत्र में मारकंडा नदी का पानी घरों तक पहुंच गया, वहीं अंबाला और कैथल में घग्गर का जलस्तर खतरनाक स्तर से ऊपर है। अब तक 1000 से अधिक गांवों में करीब 3 लाख एकड़ से ज्यादा फसलें डूब चुकी हैं। स्थिति गंभीर देखते हुए राज्य सरकार ने पांच सितंबर तक सभी अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और आदेश दिए हैं कि कोई भी प्रशासनिक या पुलिस अधिकारी मुख्यालय नहीं छोड़ेगा।

यमुनानगर और फरीदाबाद में बाढ़ के पानी में चार युवकों की मौत हो गई, जबकि कई गांवों में भूमि कटाव शुरू हो गया है। यमुनानगर का रुकाली श्मशान घाट भी पानी में बह गया। इसके अलावा सिरसा, फतेहाबाद, सोनीपत, पानीपत और करनाल में भी बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है।

मौसम विभाग ने अगले 24–36 घंटे में भारी बारिश की संभावना जताई है। कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, पंचकूला, सिरसा और फतेहाबाद के कई स्कूल बंद कर दिए गए हैं। उधर, यमुना से छोड़ा गया 3.21 लाख क्यूसेक पानी 72 घंटे में दिल्ली पहुंचेगा, जिससे वहां भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।

इधर, यमुना पर आधारित नैनावाली, भूड़कलां, बेगमपुर और ताजेवाल जल विद्युत परियोजनाओं में उत्पादन पूरी तरह ठप हो गया है। यहां रोजाना बनने वाली 10 से 12 लाख यूनिट बिजली की आपूर्ति रुक गई है।

कुल मिलाकर, हरियाणा के 11 जिलों में बाढ़ से हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं और प्रशासन अलर्ट पर है।