19 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
Health Desk: गर्दन और पीठ दर्द का कारण सिर्फ गलत पॉश्चर नहीं, ये छुपी हुई वजहें भी हो सकती हैं जिम्मेदार आज के समय में गर्दन और पीठ का दर्द एक आम समस्या बन चुकी है, खासतौर पर उन लोगों के बीच जो घंटों बैठकर काम करते हैं या मोबाइल-लैपटॉप का अत्यधिक उपयोग करते हैं। आमतौर पर माना जाता है कि इसका मुख्य कारण सिर्फ गलत पॉश्चर है, लेकिन असल में इसके पीछे कुछ ऐसे छिपे हुए कारण भी हो सकते हैं, जिन्हें हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं।
सर्वोदय अस्पताल के ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ डॉ. अंचित उप्पल बताते हैं कि लगातार बना रहने वाला गर्दन और पीठ का दर्द सिर्फ असहजता नहीं, बल्कि यह शरीर के पोस्चर, ऊर्जा स्तर और मानसिक सेहत पर भी नकारात्मक असर डाल सकता है। जब रीढ़ की हड्डी पर लगातार दबाव बना रहता है, तो इससे सिरदर्द, थकान, एकाग्रता में कमी और नींद की गुणवत्ता पर भी असर पड़ सकता है। इसके साथ ही, मांसपेशियों में जकड़न और कमजोरी आने लगती है, जिससे दैनिक जीवन प्रभावित हो सकता है। अगर समय पर ध्यान न दिया जाए, तो यह दर्द क्रॉनिक रूप ले सकता है, जिसका इलाज कठिन हो जाता है।
जानिए गर्दन और पीठ दर्द की 3 छिपी वजहें:
1. नींद की कमी:
पर्याप्त नींद न मिलने से मांसपेशियों को रिकवरी का समय नहीं मिल पाता। थका हुआ शरीर रीढ़ की हड्डी को सही सपोर्ट नहीं दे पाता, जिससे पीठ और गर्दन में दर्द हो सकता है।
2. पोषण की कमी:
कैल्शियम, विटामिन D और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती के लिए जरूरी होते हैं। इनकी कमी से मांसपेशियां कमजोर होती हैं और सूजन के कारण दर्द शुरू हो सकता है।
3. मानसिक तनाव:
लगातार मानसिक तनाव शरीर की मांसपेशियों को टाइट कर देता है, खासकर गर्दन और कंधों के आसपास। इससे लंबे समय में पीठ और गर्दन का दर्द बढ़ सकता है।
कैसे करें बचाव?
हर 30-40 मिनट बाद अपने पॉश्चर की जांच करें और थोड़ा मूव करें।
तनाव कम करने के लिए ध्यान, योग या ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें।
रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें।
कैल्शियम और विटामिन D से भरपूर आहार लें।
कमर को सहारा देने वाली चेयर और तकियों का इस्तेमाल करें।
ज़रूरत पड़े तो फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह लें।
समय रहते इन बातों पर ध्यान देकर आप गर्दन और पीठ दर्द से राहत पा सकते हैं और बेहतर जीवनशैली अपना सकते हैं।