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World Digestive Health Day 2025: पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के लिए करें ये योगासन

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World Digestive Health Day 2025: पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के लिए करें ये योगासन

29 मई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर

World Digestive Health Day 2025: पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में मददगार हैं ये योगासन, जानें फायदे और तरीका

हर साल 29 मई को विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस (World Digestive Health Day) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को पाचन संबंधी समस्याओं, उनके समाधान और स्वस्थ पाचन तंत्र के महत्व के प्रति जागरूक करना है। इस मौके पर जानिए कुछ ऐसे योगासन, जिनका नियमित अभ्यास पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है।

1. पवनमुक्तासन
यह आसन पेट से जुड़ी कई समस्याओं जैसे गैस, कब्ज और अपच को दूर करने में सहायक है।
फायदे:

पाचन तंत्र को सक्रिय करता है

पेट की चर्बी कम करता है

ब्लोटिंग में राहत देता है

कैसे करें:

पीठ के बल लेटें और एक पैर मोड़कर छाती की ओर लाएं

दोनों हाथों से घुटने को पकड़ें

सिर उठाकर नाक को घुटने से छूने की कोशिश करें

10–15 सेकंड इसी अवस्था में रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं

दोनों पैरों से बारी-बारी यह क्रिया दोहराएं

2. वज्रासन
खाने के बाद करने वाला एकमात्र योगासन है, जो पाचन को तुरंत सुधारने में मदद करता है।
फायदे:

एसिडिटी, गैस और कब्ज से राहत

पेट की चर्बी कम करने में सहायक

भोजन के बाद करने से डाइजेशन तेज होता है

कैसे करें:

घुटनों के बल बैठकर एड़ियों पर आराम से बैठें

रीढ़ को सीधा रखें और हाथ घुटनों पर टिकाएं

इस मुद्रा में 5–10 मिनट बैठें

3. भुजंगासन
यह आसन पाचन तंत्र के साथ-साथ लिवर और किडनी को भी मजबूत बनाता है।
फायदे:

पेट की मांसपेशियां मजबूत करता है

एसिडिटी और गैस की समस्या कम करता है

शरीर में ऊर्जा का संचार करता है

कैसे करें:

पेट के बल लेटें, हथेलियों को कंधों के नीचे रखें

सांस लेते हुए छाती को ऊपर उठाएं और सिर को पीछे की ओर झुकाएं

इस स्थिति में 15–20 सेकंड रहें और फिर धीरे-धीरे वापस आएं

यह क्रिया 3–4 बार दोहराएं

जरूरी सलाह
योगासनों का अभ्यास सही तरीके से और नियमित करना जरूरी है। किसी भी आसन को करने से पहले विशेषज्ञ या योग गुरु से मार्गदर्शन लेना बेहतर रहेगा, खासकर यदि आप पहले से किसी स्वास्थ्य समस्या से ग्रसित हैं।

नोट: यह लेख योग विशेषज्ञों की सलाह पर आधारित है और इसका उद्देश्य केवल जागरूकता फैलाना है। व्यक्तिगत सलाह के लिए डॉक्टर या प्रमाणित योग शिक्षक से परामर्श लें।