क्या फिर भड़केगा ईरान-इजराइल युद्ध? कच्चे तेल की कीमतों में तेज़ी से बढ़ी चिंता

30 जून 2025 फैक्टर रिकॉर्डर

 Business Desk: ईरान-इज़राइल संघर्ष थमा, लेकिन तनाव बरकरार – कच्चे तेल की कीमतों पर मंडरा रहा   खतरा                                                                                                                           ईरान और इज़राइल के बीच 12 दिनों तक चले सैन्य संघर्ष के बाद युद्धविराम की घोषणा तो हो गई है, लेकिन हालात अभी भी पूरी तरह शांत नहीं हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता के बाद 24 जून को सीजफायर का ऐलान हुआ, जिसे दोनों पक्षों ने स्वीकार कर लिया है। हालांकि, ईरान को इज़राइल की नीयत पर अब भी संदेह है, जिससे यह आशंका बनी हुई है कि संघर्ष दोबारा शुरू हो सकता है।

इस पूरे तनाव का सीधा असर कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) की कीमतों पर दिख रहा है। तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में 0.36% तक की तेजी दर्ज की गई है। विश्लेषकों का कहना है कि अगर हालात बिगड़ते हैं और ईरान सामरिक रूप से अहम होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की धमकी को अंजाम देता है, तो इसका प्रभाव वैश्विक तेल आपूर्ति पर पड़ेगा और कीमतों में बड़ी उछाल आ सकती है।

ईरान के सशस्त्र बलों के प्रमुख अब्दोलरहीम मौसवी ने फार्स न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा कि उन्हें इज़राइल के युद्धविराम पर टिके रहने पर भरोसा नहीं है। उन्होंने साफ किया कि अगर दुश्मन ने दोबारा हमला किया, तो ईरान मजबूती से जवाब देगा।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, मौसवी ने सऊदी रक्षा मंत्री खालिद बिन सलमान से टेलीफोन पर बातचीत के दौरान युद्धविराम की जानकारी साझा की। तनाव की शुरुआत 13 जून को इज़राइली हमले से हुई थी, जिसमें कई ईरानी सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिक मारे गए, जिनमें चीफ मोहम्मद बाघेरी भी शामिल थे।