संत प्रेमानंद महाराज के सीक्रेट रिवील करने वाली शीला कौन? 18 मिनट के वीडियो में खोले कई राज

14 Feb 2025: Fact Recorder
Sant Premanand Maharaj Secrets Revealed: संत प्रेमानंद महाराज की लाइफ के अनछुए पन्नों पर एक महिला ने प्रकाश डाला और उनके कई राज खोले। उन्होंने बताया कि पहले कैसे थे बाबा और अब कितना बदल गए हैं वो।

संत प्रेमानंद महाराज इन दिनों चर्चा में हैं क्योंकि रात्रि में उनकी पदयात्रा बंद हो गई है। ऐसे में लाखों भक्तों का दिल टूट गया है, क्योंकि उनके भक्त उनके दर्शन करने के लिए लालायित रहते हैं। इसी बीच एक बुजुर्ग महिला शीला का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने संत प्रेमानंद महाराज के राज खोले हैं। उन्होंने संत प्रेमानंद के बारे में खूब बातें की और बताया की वो पहले कैसे थे। साथ ही उनकी किडनी की बीमारी के बारे में भी बात की। आइए आप भी जान लीजिए शीला ने ऐसा क्या बोला संत के बारे में जो हो गया वायरल।

पहले कैसे थे प्रेमानंद

सबसे पहले ये जान लेते हैं कि शीला हैं कौन? दरअसल वो वृंदावन में रहने वाली महिला हैं जो साधु संतों की सेवा को धर्म मानती हैं। उनसे जब संत प्रेमानंद महाराज के बारे में पूछा गया कि आप ये बताइए कि क्या प्रेमानंद महाराज आपके यहां आते थे? इस पर महिला ने कहा हां वो सीधा बनारस से यहां आए थे उस समय वो बहुत ही फक्कड़ इंसान थे। वो रोज यहां संत रास बिहारी से मिलने के लिए आते थे। जब रास बिहारी जाने लगे तो प्रेमानंद उनके चरणों में पड़ गए और बोले मुझे भी ले चलो अपने साथ रास बिहारी ने कहा कि मैं तुम्हें कहां ले जाऊं। तुम वृंदावन चले जाओ वहां बिहारी जी हाथ पकड़ेंगे तुम्हारा तो तुम फिर वहां से नहीं आ पाओगे।

हो गई थी गंभीर बीमारी

शीला से जब पूछा गया कि संत प्रेमानंद महाराज बनारस में कैसे रहते थे। इस पर वो बोलीं कि जब वो बनारस में रहते थे तो उनकी लंबी-लंबी जटाएं थी। उनका और कोई दूसरा रूप था, अब तो वो पीले कपड़े पहनने लगे हैं। खाट पर पड़े रहते थे ऐसे ही। महिला ने बताया की उनकी किडनी खराब हो गई थी, हालांकि देने को तो बहुत लोग तैयार थे, लेकिन वो लेने के लिए तैयार नहीं थे। क्योंकि वो नहीं चाहते थे कि किसी और को कष्ट हो।

प्रेमानंद महाराज की है दिव्य दृष्टि

शीला ने बताया कि प्रेमानंद महाराज की दिव्य दृष्टि है। वो आंगन में बैठे रहते थे तो उन्हें साधू नजर आते थे, जो हमें नजर नहीं आते थे। वो बोलते थे कि उन्हें दान दो खाना खिलाओ, लेकिन हमें दिखते नहीं थे तो वो खुद ही उन्हें छोड़ने के लिए बाहर दरवाजे तक जाते थे। महिला ने ये भी कहा कि बाबा कभी भी किसी से न तो बैंड बाजा लाने के लिए कहते है लोग खुद लेकर आते हैं। महिला बोली की वो बाबा के सामने कभी बोलती नहीं हैं।