12 Feb 2025: Fact Recorder
Delhi Chunav में हार के बाद अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के विधायकों के साथ दिल्ली में बैठक की। बैठक से केजरीवाल ने कई संदेश दिए। उन्होंने पंजाब सरकार की अस्थिरता को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश की। साथ ही यह भी दिखाने की कोशिश की कि हार के बावजूद पार्टी में वही सुप्रीमो हैं। बैठक में केजरीवाल ने विधायकों को गुड गवर्नेंस का निर्देश दिया।
- दर्शाने की कोशिश की गई कि हार के बावजूद पार्टी के सुप्रीमो अभी भी अरविंद केजरीवाल हैं
- पंजाब इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इकलौता पूर्ण राज्य है, जहां आप की सरकार है
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली हार के तीन दिन बाद ही तीन साल से सत्तारूढ पंजाब के आप विधायकों की राजधानी में बैठक लेकर पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक साथ कई संदेश दिए। सबसे पहले पंजाब सरकार की अस्थिरता को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश की है।
यह भी कोशिश की कि हार जाने के बाद भी पार्टी में अभी भी वही सुप्रीमो वही हैं। गौरतलब है कि सियासी गलियारों में यह चर्चा बहुत पहले से चल रही थी कि आप दिल्ली हारे या जीते, इसका असर पंजाब पर जरूर पड़ेगा। अब जब दिल्ली में पार्टी हार गई है और केजरीवाल स्वयं भी अपनी सीट नहीं बचा सके, तो चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं।
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नई दिल्ली के मानसिंह रोड स्थित कपूरथला हाउस में बैठक के बाद बाहर जाते आप संयोजक केजरीवाल।
अगर पंजाब से सरकार गई तो क्या होगा?
कहा जा रहा है कि केजरीवाल की पकड़ ढीली हो जाने से पंजाब सरकार भी गिर सकती है। यह भी कहा जा रहा है कि पंजाब में सरकार गिरने के बाद पार्टी का वजूद भी खत्म हो सकता है, इसीलिए मंगलवार को दिल्ली में पंजाब के आप विधायकों और सांसदों की बैठक रखी गई।
सूत्र बताते हैं कि केजरीवाल व पार्टी के अन्य नेता चंडीगढ़ जाकर भी बैठक कर सकते थे, लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों के साथ सभी विधायकों को दिल्ली बुला लिया। ऐसा इसलिए ताकि दिल्ली में पार्टी की हार के साथ-साथ बड़े नेताओं की हार से हाईकमान कमजोर ना हो। हाईकमान के कमजोर होने की स्थिति में मामला और ज्यादा नहीं बिगड़े।
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