21 March 2025: Fact Recorder
हरियाणा के महेंद्रगढ़ में विश्व की सूक्ष्मतम हस्तलिखित श्रीमद् भागवत गीता व चावल के एक दाने पर 203 हाथियों का फोटो बनाना। एक दाने पर राम मंदिर बनाने व लिखने के शौकीन आर्टिस्ट के महेंद्रगढ़ पहुंचने पर स्वागत किया गया।
डॉ राम सिंह राजोरिया निवासी जयपुर राजस्थान ने बताया कि वे श्री कृष्णा जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन यात्रा के साथ महेंद्रगढ़ आए था। उन्होंने दुनिया की सबसे सूक्ष्मतम हस्तलिखित श्रीमद् भागवत गीता बनाई है। इस दिव्यतम गीता की लंबाई साढ़े 5 इंच और चौड़ाई 3.5 इंच है। जिस पर गीता के संपूर्ण 18 अध्याय एवं 700 श्लोक संस्कृत भाषा में एक तरफ उकेरे गए हैं। यह श्रीमद भागवत गीता एक्रेलिक शीट पर एक खास तरह की माइक्रो निडिल द्वारा हाथ से खुदाई कर के बनाई गई है।
इस गीता को बनाने में डॉ राम सिंह राजोरिया को 10 से 12 घंटे प्रतिदिन कार्य करके दो वर्ष का समय लगा। इसे बनाने के लिए उन्हें कई तरह के अभ्यास करने पड़े जैसे की अपनी ब्रीथिंग पर कंट्रोल कार्य के दौरान 2 से 3 मिनिट तक सांस रोकते है और प्रतिदिन खाना भी एक ही समय खाते थे। यह श्रीमद् भागवत गीता अपने आकार के लिए ही खास नहीं है वास्तव में सदियों तक दुनिया को दिए जाने वाले महान भारतीय ज्ञान का प्रतीक चिन्ह बनकर रहने वाली है। यह विश्व की सबसे सूक्ष्मतम हस्तलिखित श्रीमद् भागवत गीता है।
श्रीमद भगवतम गीता ग्रंथ ईश्वर का रूप नहीं है।
डॉ राम सिंह का कहना है कि इस तरह के अद्भुत अद्वितीय कार्य सिर्फ और सिर्फ श्री कृष्ण भगवान द्वारा सर्दियों में कभी-कभी चमत्कारिक रूप से कराएं जाते है। असल में कुछ कार्य इंसान इस तरह के कर देता है जो उसके वश में होते ही नहीं है, यह सिर्फ कार्य ईश्वर अधीन होते हैं। सदियों से श्रीमद् भागवत गीता को देश-विदेश कई लोगों ने इसके दिव्यतम ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने के अनेक प्रयास हुए हैं। जैसे की दुनिया की कई भाषाओं में गीता का लिखना हजारों संत महात्माओं द्वारा गीता ज्ञान को इस तरह इंसान की अनंत गहराइयों में पहुंचाया कि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका अनुसरण कर पाए। श्रीमद् भागवत गीता ग्रंथ ही नहीं साक्षात ईश्वर का स्वरूप है। इसके दर्शन, स्पर्श, श्रवण, पूजन मात्र से इंसान को शारीरिक आर्थिक सामाजिक एवं आध्यात्मिक रूप से चमत्कारिक लाभ होते पाया है।

एक चावल के दाने पर 203 हाथियों की फोटो
एक चावल के दाने पर 203 हाथियों की फोटो बनाना
चावल के दाने पर लिखने के शौकीन आर्टिस्ट डॉ राम सिंह राजोरिया अपनी कला का प्रदर्शन देश के कई बड़े शहरों में कर चुके हैं। उनके द्वारा किए गए कई अविश्वसनीय कार्य किसी को भी आश्चर्य चकित किए बिना नहीं रह सकते है। इन्होंने चावल के एक दाने पर 203 हाथियो की फोटो, 4000 अक्षरों (LOVE 1000 बार ), 1007 बार राम-राम- राम-राम, गायत्री मंत्र, नमोकर जैन मंत्र, एक ओंकार मंत्र, भारत का राष्ट्रीय गान, पूरे टेन कमांडमेंट्स, कलमा, देश के गणमान्य लोगों का स्केच आदि कई आश्चर्य जनक कार्य किए हैं।
आठ विश्व कीर्तिमान किए अपने नाम
उन्होंने कहाकी उनके आठ विश्व कीर्तिमान सहित डॉक्टर की उपाधि एवं कई संस्थाओं द्वारा एवं राज नायकों द्वारा सम्मान मिल चुका है। इस्कॉन जैसी विश्वव्यापी संस्था एवं संस्कृत के अनेकों विद्वान,आचार्य, बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री, बद्री विशाल, संयुक्त भारतीय धर्म संसद ज्ञानम विराज फाउंडेशन कुमावत समाज, ब्राह्मण समाज, पिंक फेस्ट सीसीआई जैसी प्रतिष्ठित एवं जानी-मानी हस्तियों द्वारा आर्टिस्ट डॉक्टर राम सिंह के कार्य को सराहा एवं आशीर्वाद प्राप्त किया है।

एक चावल के दाने पर गणेश जी की फोटो
एक चावल की दाने पर राम मंदिर भी बनाया
हाल ही में पिछले दिनों उनके द्वारा चावल के दाने पर अयोध्या श्री राम मंदिर भी काफी चर्चा में आया। उन्होंने एक अंगूठे के नाखून के साइज की प्लेट पर पूरा हनुमान चालीसा भी बनाया है। समय-समय पर डॉ राम सिंह की इस अनूठी कला को मीडिया द्वारा देश-विदेश के कोने कोने तक पहुंचा है। कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन एवं श्री कृष्णम महाकाव्य के माध्यम से जन-जन में जागृति अभियान शुरू किया गया है। आंदोलन में श्रीमद् भागवत गीता के प्रचार एवं प्रसार की विशेष जिम्मेदारी डॉ राम सिंह राजोरिया को दी गई है।
उसके द्वारा लिखित गीता का विमोचन प्रधानमंत्री के द्वारा किया जाए
अपनी कला के माध्यम से करोड़ों लोगों का दिल जीतने वाले आर्टिस्ट डॉ राम सिंह राजोरिया चाहते हैं कि जैसे दुनिया की सबसे बड़ी गीता का विमोचन आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया है। उसी प्रकार विश्व की सबसे सूक्ष्मतम हस्तलिखित श्रीमद् भागवत गीता का विमोचन भी प्रधानमंत्री के हाथों द्वारा किया जाए।