वीर गेहूं: मैंगनीज़ की कमी रोकने के लिए पहले पानी से छिड़काव

संगरूर, 15 नवंबर 2025 Fact Recorder

Punjab Desk :  पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के फार्म सलाहकार सेवा केंद्र, संगरूर द्वारा गांव शेखुपुर कला में गेहूं में मैंगनीज तत्व की कमी रोकने संबंधी जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। शिविर में गांव के 50 से अधिक किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

शिविर की अध्यक्षता करते हुए डॉ. अशोक कुमार गर्ग, जिला प्रसार वैज्ञानिक (भूमि विज्ञान) एवं इंचार्ज ने गेहूं में मैंगनीज की कमी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह कमी आमतौर पर झोना-गेहूं फसली चक्र वाली रेतीली जमीनों में अधिक देखने को मिलती है। इसकी निशानियां पौधे के बीच के पत्तों की नसों के बीच हल्के पीले-स्लेती रंग से गुलाबी-भूरे रंग के धब्बों के रूप में दिखाई देती हैं। अत्यधिक कमी होने पर पौधे पूरी तरह सूख जाते हैं।

उन्होंने बताया कि मैंगनीज की कमी वाली जमीनों में, जहां मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट में मैंगनीज की मात्रा 3.5 किलो प्रति एकड़ से कम हो, वहां 0.5% मैंगनीज सल्फेट (1 किलो मैंगनीज सल्फेट को 200 लीटर पानी में घोलकर) का छिड़काव पहले पानी से 2-4 दिन पहले और उसके बाद 3 छिड़काव हफ्ते-हफ्ते के अंतराल पर धूप वाले दिनों में करना चाहिए।

मुख्य फसलों में पोषण प्रबंधन के बारे में विचार साझा करते हुए डॉ. गर्ग ने गेहूं में यूरिया, जिंक और गंधक की आवश्यक मात्रा के बारे में भी जानकारी दी। इसके अलावा पशुओं के अच्छे स्वास्थ्य के लिए धातु चूरा, पशु चाट, बाईपास फैट और पीएयू साहित्य की बिक्री भी की गई।

अंत में किसानों द्वारा पूछे गए विभिन्न सवालों जैसे गेहूं में जिंक और गंधक की कमी का प्रबंधन, चूने के पानी की आवश्यकता, मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट की व्याख्या, नैनो यूरिया का उपयोग न करने पर जोर आदि के जवाब दिए गए। इस अवसर पर गांव के सरपंच मनप्रीत सिंह ने शिविर आयोजित करने में पूरा सहयोग दिया और अन्य कार्यक्रम में भी मौजूद रहे। अंत में टीम ने गेहूं के खेतों का दौरा भी किया।