30 अक्टूबर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Business Desk: वर्ल्डलाइन रिपोर्ट: बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन और ‘चैट एंड पे’ से यूपीआई को मिलेगा नया विस्तार, डिजिटल भुगतान में बढ़ेगी सहूलियत
भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का अगला विकास चरण अब बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन और संवादात्मक ‘चैट एंड पे’ जैसे उन्नत फीचर्स से संचालित होगा। वैश्विक पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर वर्ल्डलाइन की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, ये नवाचार यूपीआई को और तेज, सुरक्षित और सर्वसुलभ बनाएंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन पर चल रहे पायलट प्रोजेक्ट्स डिजिटल भुगतान को नया आयाम देंगे और इससे विभिन्न सामाजिक-आर्थिक वर्गों में कैशलेस ट्रांजैक्शन की स्वीकार्यता बढ़ेगी। इससे न केवल यूज़र अनुभव बेहतर होगा, बल्कि डिजिटल समावेशन को भी बल मिलेगा।
🌍 यूपीआई की पहुंच भारत से बाहर
वर्ल्डलाइन के अनुसार, यूपीआई का विस्तार अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दिखने लगा है। सिंगापुर और यूएई जैसे देशों में क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट कॉरिडोर के माध्यम से इसकी मौजूदगी बढ़ रही है। वहीं, चैट-आधारित पेमेंट सिस्टम और यूपीआई ऑटोपे जैसी सेवाएं मोबाइल ऐप्स के भीतर भुगतान को और सहज बना रही हैं।
🔐 नई तकनीक से बढ़ेगा भरोसा
रिपोर्ट के मुताबिक, बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली और संवादात्मक भुगतान सुविधाएं आवर्ती भुगतान (Recurring Payments) और सीमापार लेनदेन को सरल बनाएंगी। इससे यूपीआई एक वैश्विक पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर के रूप में अपनी स्थिति मजबूत करेगा।
📊 यूपीआई लेनदेन में तेज़ी
2025 की पहली छमाही में यूपीआई के पीयर-टू-पीयर (P2P) लेनदेन में 31% की वृद्धि दर्ज की गई, जो बढ़कर 39.35 अरब पर पहुंच गया। वहीं, पीयर-टू-मर्चेंट (P2M) लेनदेन में 37% की बढ़ोतरी हुई और यह 67.01 अरब तक पहुंच गया।
🏪 छोटे व्यापारियों तक बढ़ा विस्तार
रिपोर्ट में कहा गया है कि किराना, दवा की दुकानें, रेस्टोरेंट और उपयोगिता सेवाओं जैसे क्षेत्रों में क्यूआर-आधारित भुगतान अब आम हो गए हैं। इससे औसत लेनदेन का आकार घटा है, लेकिन यूपीआई की पहुंच तेजी से बढ़ी है।
अंत में, वर्ल्डलाइन ने अनुमान लगाया है कि आने वाले समय में यूपीआई पर माइक्रो-लोन और छोटी ईएमआई सुविधाएं भी इसके विकास की नई दिशा तय करेंगी।













