आधुनिक मशीनों और नावों के माध्यम से मंदिर भवन को बचाने का काम दूसरे दिन भी है जारी
हरजोत बैंस की अपील पर, विशेषज्ञ और अनुभवी लोग स्थानीय निवासियों और आप कार्यकर्ताओं का समर्थन करने के लिऐ आए आगे
सतलुज नदी के तट पर बना है प्राचीन लक्ष्मी नारायण मंदिर
इस प्राचीन मंदिर से लोगों की आस्था और भावनाएँ हुई हैं जुड़ी
नंगल, 06 सितम्बर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Punjab Desk: नंगल के प्रसिद्ध प्राचीन लक्ष्मी नारायण मंदिर के क्षतिग्रस्त हिस्से को बचाने के लिए सरदार हरजोत सिंह बैंस पिछले दो दिनों से युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं और अब स्थानीय निवासी और तकनीकी विशेषज्ञ भी स्वयंसेवकों के साथ जुड़ गए हैं। मंदिर से नदी के किनारे को बड़ी आधुनिक मशीनों और नावों के ज़रिए बड़े-बड़े बैगों में भरकर मज़बूत किया जा रहा है ताकि सतलुज नदी के तेज़ बहाव से और ज़्यादा नुकसान को रोका जा सके।
जब सरदार हरजोत सिंह बैंस ने सतलुज नदी के तेज़ बहाव से नंगल स्थित प्रसिद्ध लक्ष्मी नारायण मंदिर के एक हिस्से को हुए नुकसान की मरम्मत का ज़िम्मा संभाला, तो तेज़ बहाव के कारण यह काम नामुमकिन सा लग रहा था। नदी का तेज़ बहाव लगातार इमारत को नष्ट कर रहा था, लेकिन सरदार बैंस और उनके साथियों ने रस्सी के ज़रिए इमारत के ऊपर से सहायक सामग्री पहुँचाना शुरू कर दिया।
नदी के दूसरी ओर से बड़े-बड़े बैग भरकर मंदिर की इमारत से जोड़ दिए गए। नदी के तेज़ बहाव के कारण यह जानलेवा काम था और स्थिति गंभीर बनी हुई थी। हालाँकि, स्थानीय लोगों और स्वयंसेवकों की दृढ़ इच्छाशक्ति को देखते हुए, काम जारी रहा और पत्थरों और मिट्टी से भरे बैगों को एक जंबो बैग में रखकर लगातार जोड़ा जाता रहा, जिससे इमारत को सहारा मिलना शुरू हो गया। यह काम बेहद संवेदनशील होना था और स्थानीय लोगों ने दो दिनों में इमारत को काफी हद तक सुरक्षित कर दिया। हालाँकि इस मंदिर को स्थायी रूप से बचाने के लिए 1.27 करोड़ रुपये खर्च किए जाएँगे, लेकिन फिलहाल यह प्रोजेक्ट बेहद जोखिम भरा है, जिसे एस. बैंस के नेतृत्व में उनके समर्थकों द्वारा अस्थायी रूप से किया जा रहा है।
इसी प्रकार क्षेत्र के अन्य इलाकों में भी एस. बैंस और उनकी टीमें प्रशासन के सहयोग से लगातार बचाव कार्य कर रही हैं। आज लक्ष्मी नारायण मंदिर के पास चल रहे डंगे लगाने के कार्य में डॉ. संजीव गौतम हलका संयोजक, दीपक सोनी मीडिया संयोजक, सतीश चोपड़ा, करतार सिंह, राकेश कुमार, लाडी भंगल, सुमित कुमार, नारायण कुमार, चन्नण सिंह पम्मू ढिल्लों, गोपाल शर्मा, उमेश, रिंकू सरपंच, सुमित शर्मा और बड़ी संख्या में स्वयंसेवक शामिल हुए।