Himachal Desk: कृषि विभाग मंडी के कृषक प्रशिक्षण केंद्र सुंदरनगर में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन 28 से 30 अक्तूबर तक किया गया। इस कार्यक्रम में जायका परियोजना के अंतर्गत जिले की 17 उप-परियोजनाओं से आए 32 सामुदायिक प्रेरकों को संस्थागत विकास प्रक्रिया से अवगत कराया गया।
प्रशिक्षण के प्रथम सत्र में विषय विशेषज्ञ मनु भारद्वाज ने सामुदायिक संगठन में नेतृत्व क्षमता, प्रेरणा और जवाबदेही के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि किसी भी संस्था के सफल संचालन के लिए प्रभावी नेतृत्व और पारदर्शी कार्यप्रणाली आवश्यक है। इसके साथ ही प्रेरकों को संस्थागत प्रक्रियाओं के सिद्धांत, लेखा और बहीखाता के रखरखाव, रिपोर्टिंग उपकरणों के उपयोग तथा स्वयं सहायता समूहों, किसान समूहों और सहकारी समितियों की भूमिका के बारे में जानकारी दी गई।पीएमसी एक्सपर्ट पी.एल. शर्मा ने संस्थागत सुदृढ़ीकरण तथा सिंचाई उप-परियोजनाओं के संचालन और रखरखाव में सामुदायिक प्रेरकों की जिम्मेदारियों पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी। अन्य प्रशिक्षकों ने समुदायों के गठन, स्थिरीकरण, सततता, प्रभावी संचार तथा सामुदायिक संसाधन मानचित्रण जैसे विषयों पर भी प्रेरकों को प्रशिक्षित किया।कार्यक्रम के समापन अवसर पर प्रशिक्षकों ने प्रेरकों से आह्वान किया कि वे परियोजना के रखरखाव में सक्रिय भूमिका निभाएं और जायका अधिकारियों के साथ मिलकर फसल विविधीकरण के लक्ष्यों को पूर्ण करने में सहयोग करें।
 

