तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने 4 गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाया, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह

19 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर

National Desk: तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने अन्य धर्मों का पालन करने वाले चार कर्मचारियों को किया निलंबित, आचार संहिता   उल्लंघन का आरोप                                                                                आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने चार कर्मचारियों को उनके कथित रूप से हिंदू धर्म के बजाय अन्य धर्मों का पालन करने के आरोप में निलंबित कर दिया है। इस कार्रवाई को लेकर धार्मिक भेदभाव की बहस एक बार फिर तेज हो गई है।

आचार संहिता के उल्लंघन का दावा
टीटीडी प्रशासन का कहना है कि इन कर्मचारियों ने संस्थान की आचार संहिता का उल्लंघन किया है। देवस्थानम के अनुसार, चूंकि TTD एक हिंदू धार्मिक संस्था है, इसलिए इसमें कार्यरत कर्मचारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे हिंदू धर्म का पालन करें और संस्था के धार्मिक मूल्यों का सम्मान करें।

TTD के विजिलेंस विभाग की रिपोर्ट और अन्य सबूतों के आधार पर यह फैसला लिया गया है। संस्था के अनुसार, इन कर्मचारियों ने “गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार” किया और अपने पद की गरिमा के अनुरूप आचरण नहीं किया।

निलंबित किए गए कर्मचारी
TTD ने जिन कर्मचारियों को सस्पेंड किया है, उनमें शामिल हैं:

बी. एलिज़ार – डिप्टी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (क्वालिटी कंट्रोल)

एस. रोज़ी – स्टाफ नर्स, BIRRD अस्पताल

एम. प्रेमवती – ग्रेड-1 फार्मासिस्ट, BIRRD अस्पताल

डॉ. जी. असुंथा – एसवी आयुर्वेद फार्मेसी

इन चारों को विजिलेंस जांच और साक्ष्यों के आधार पर तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।

नियमों में पहले ही हो चुके हैं संशोधन
गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में TTD अधिनियम में तीन बार संशोधन हो चुका है, जिनमें यह स्पष्ट किया गया है कि मंदिर बोर्ड और उससे जुड़े संस्थानों में केवल हिंदू धर्म के अनुयायी ही नियुक्त किए जा सकते हैं।

दुनिया का सबसे समृद्ध मंदिर
तिरुपति बालाजी का मंदिर न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दुनिया का सबसे अमीर मंदिर भी माना जाता है। यह आंध्र प्रदेश के सेशाचलम पर्वत पर स्थित है। 2024 में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, TTD ट्रस्ट ने अकेले 2024 में 1161 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) करवाई थी। कुल मिलाकर ट्रस्ट की बैंकों में FD राशि 13287 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है।

मंदिर की स्थापना राजा तोंडमान ने करवाई थी और इसकी प्राण प्रतिष्ठा 11वीं सदी में रामानुजाचार्य द्वारा की गई थी।

निष्कर्ष
TTD की यह कार्रवाई धार्मिक संस्थाओं में धर्मनिष्ठा और आचार संहिता के पालन को लेकर एक अहम उदाहरण बनकर सामने आई है। हालांकि, इससे धार्मिक भेदभाव को लेकर नई बहस भी खड़ी हो गई है कि क्या धर्म के आधार पर नियुक्ति या निष्कासन न्यायसंगत है — खासकर जब कर्मचारी सरकारी तंत्र से जुड़े हों।