कार्यालय जिला जनसंपर्क अधिकारी, संगरूर
दो एकड़ के तालाब के ओवरफ्लो पानी से होगी 170 एकड़ भूमि की सिंचाई
– भूमि एवं जल संरक्षण विभाग द्वारा गांव घनौर कलां में 21.25 लाख रुपये की लागत से बिछाई जा रही 2 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन
– कृषि के लिए उपयोग किए जाने वाले पानी के लिए किसी भी किसान से कोई पैसा नहीं लिया जाएगा
धूरी/संगरूर,29/04/2025 Fact Recorder
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के विधानसभा क्षेत्र धूरी के गांव घनौर कलां में दो एकड़ भूमि पर फैला तालाब अब गांव के लिए अभिशाप या कुरूपता का केंद्र नहीं रहेगा। बल्कि, अब इस तालाब के पानी से 170 एकड़ (68 हेक्टेयर) भूमि की सिंचाई की जाएगी। इस महत्वपूर्ण परियोजना के तहत पाइप बिछाने के कार्य का उद्घाटन पंजाब राज्य उद्योग निगम के चेयरमैन दलवीर सिंह ढिल्लों ने किया। इस अवसर पर उनके साथ मंडी बोर्ड के चेयरमैन श्री राजवंत सिंह घुली भी विशेष रूप से उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के विधानसभा क्षेत्र धूरी के गांव घनौर कलां में दो एकड़ भूमि पर फैला तालाब अब गांव के लिए अभिशाप या कुरूपता का केंद्र नहीं रहेगा। बल्कि, अब इस तालाब के पानी से 170 एकड़ (68 हेक्टेयर) भूमि की सिंचाई की जाएगी। इस महत्वपूर्ण परियोजना के तहत पाइप बिछाने के कार्य का उद्घाटन पंजाब राज्य उद्योग निगम के चेयरमैन दलवीर सिंह ढिल्लों ने किया। इस अवसर पर उनके साथ मंडी बोर्ड के चेयरमैन श्री राजवंत सिंह घुली भी विशेष रूप से उपस्थित थे।
इस प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी देते हुए चेयरमैन दलवीर सिंह ढिल्लों ने बताया कि गांव घनौर कलां में गंदे पानी की बहुत बड़ी समस्या थी। ग्रामीणों ने जब यह समस्या मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के ध्यान में लाई तो उन्होंने पंजाब सरकार के भूमि संरक्षण एवं जल संरक्षण विभाग को तुरंत इसका समाधान करने को कहा।
उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा तैयार की गई परियोजना के तहत अब तालाब के पानी को करीब दो किलोमीटर लम्बी भूमिगत पाइप के माध्यम से सिंचाई के लिए लोगों के खेतों तक पहुंचाया जाएगा। पंजाब सरकार और नाबार्ड की इस संयुक्त परियोजना पर कुल 21.25 लाख रुपये खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस परियोजना को पंजाब के हर गांव में लागू करेगी।
इस अवसर पर गांव के सरपंच जसविन्द्र सिंह व उपस्थित सभी पंचायत सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि इस कार्य के पूरा होने से तालाब का पानी ओवरफ्लो नहीं होगा। पहले यह पानी सड़कों पर बहता रहता था। जिसके कारण मौसमी बीमारियां और दुर्गंध का प्रकोप हर समय बना रहता था। बरसात के मौसम में यह समस्या बहुत गंभीर हो जाती थी। यह पानी गेहूं और धान दोनों फसलों के लिए उपलब्ध होगा। पहले जहां यह पानी बर्बाद हो जाता था, वहीं अब इसका उपयोग कृषि के लिए किया जाएगा। अब किसानों को मोटर पंप से धरती में से पानी निकालने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
भूमि एवं जल संरक्षण विभाग, पंजाब के अधिकारी श्री केशव कुमार ने बताया कि इस तालाब से खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए साढ़े सात हॉर्स पावर की सौर पंप मोटर का प्रयोग किया जाएगा। सौर पंप और मोटर की लागत और अन्य खर्चे भी विभाग द्वारा वहन की जाएगी। इसके अलावा, कृषि के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पानी के लिए किसी भी किसान से कोई पैसा नहीं लिया जाएगा।
इस अवसर पर चेयरमैन राजवंत सिंह, सुखदेव सिंह ब्लॉक अध्यक्ष, अमृतपाल सिंह सरपंच घनौरी कलां, उपमंडल भूमि संरक्षण अधिकारी संगरूर जसपाल सिंह, भूमि संरक्षण अधिकारी धूरी सुखजीवन सिंह, सर्वेयर आरिफ, सर्वेयर पवन कुमार, सर्वेयर दीपक कुमार उपस्थित थे।