शिल्पकारों की हस्तशिल्प कला बयां कर रही है जीवित होने की गाथा, रंग-बिरंगी शिल्पकला ने बदला महोत्सव की फिजा का रंग
चंडीगढ़, 18 नवंबर, 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Haryana Desk: अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव जहां विश्व पटल पर अपनी पहचान बना चुका है, वहीं दूसरी ओर इस महोत्सव में दूसरे राज्यों से आए शिल्पकार अपनी कला का अदभुत प्रदर्शन कर रहे है। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में आए शिल्पकारों की ऐसी हस्त शिल्पकला जोकि अपने आप में जीवित होने की गाथा को बयां कर रही है। ऐसी अद्भुत हाथों की कारीगरी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है और पर्यटक जमकर इसकी खरीदारी कर रहे है।शिल्पकारों ने बातचीत करते हुए बताया कि वे इस अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में हर वर्ष आते है। इस बार भी वे अपने साथ टेराकोटा मिट्टी से बनी हुई अद्भुत और दिल को मोहने वाली फ्लावर पोर्ट, सुराही, प्रतिमाएं के साथ-साथ घर की सज्जा सजावट का अन्य सामान साथ लेकर आ है। वे इस सामान को टेराकोटा मिट्टी से बनाते है तथा यह मिट्टी मेवात व नूंह से मंगवाई जाती है तथा इस मिट्टी को पहले छाना जाती है उसके बाद उसे चॉक पर घुमा कर अपनी अद्भुत हस्तशिल्प कला से नए-नए व सुंदर से सुंदर ऐसी प्रतिमाएं बनाते है जो कि अपने आप में जीवित होने की गाथा खुद बे खुद ब्यां करती है।
उन्होंने बताया कि टेराकोटा से बनने वाली इन प्रतिमाओं को चॉक पर बनाने के बाद इनको पकाया जाता है, उसके बाद इसकी फिनिशिंग का कार्य किया जाता है और उसके बाद इसमें रंग बिरंगे रंगों से सजाकर अद्भुत स्वरूप दिया जाता है। पर्यटक इनकी जमकर खरीदारी कर रहे है।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में 5 दिसंबर 2025 तक लगने वाले इस सरस और शिल्प मेले में शिल्पकारों की हस्त शिल्पकला से ब्रह्मसरोवर के पावन तट सज चुके है और इस रंग बिरंगी हस्तशिल्प कला ने महोत्सव की फिजा का रंग बदलने का काम किया है। जहां एक ओर दूसरे राज्यों से आए कलाकार अपने प्रदेशों की संस्कृति को हर्षोल्लास से दिखाकार पर्यटकों के मन को मोह रहे है वहीं दूसरी ओर हाथों की ऐसी अद्भुत शिल्प कला महोत्सव में रंग भरने का काम कर रही है।













