रिपोर्ट के पैर मृत शरीर के पैर पीछे की ओर मुड़े हुए थे

21 March 2025: Fact Recorder
सौरभ राजपूत का जिस बेरहमी से कत्ल किया गया, उसे देखकर पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर, चीफ फार्मासिस्ट और अन्य स्टाफ भी हैरत में हैं। दो दिन हो गए, मगर उनके जहन में अब भी सौरभ का शव घूम रहा है। चाकू के तीन वार उसके दिल पर किए गए। इससे दिल क्षतिग्रस्त था। पोस्टमार्टम के बाद बुधवार शाम पांच बजे सफेद चादर में लिपटा शव ब्रह्मपुरी के इंदिरानगर में लाया गया। लोग यह देखकर चौंक गए कि शव लंबाई में कम और चौड़ाई में ज्यादा दिख रहा था। दरअसल, पैर धड़ की तरफ मुड़े हुए थे। इससे धड़ चौड़ा लग रहा था। सिर अलग था। लोगों की जुबान पर यह सवाल था। लोगों ने इस बारे में आपस में बात भी की।
दिल के अंदर तक थे चाकू के वार

उन्होंने बताया कि शरीर को छोटा करने के लिए पैर पीछे की तरफ मोड़े गए थे, जो इतने सख्त हो गए थे कि उन्हें सीधा नहीं किया गया। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि दिल पर वार बहुत जोर लगाकर किए गए हैं, क्योंकि चाकू के वार दिल के अंदर तक थे। करीब डेढ़ घंटे तक पोस्टमार्टम चला। इसके बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।

धड़ से अलग थी गर्दन, कलाइयों से दोनों हाथ

पोस्टमार्टम करने वाली चिकित्सीय टीम ने बताया कि एक साल में मेडिकल कॉलेज की मॉर्चरी में 1500 से 1800 पोस्टमार्टम होते हैं, जिनमें से 700 से 800 पोस्टमार्टम में वे लोग शामिल रहते हैं। सौरभ के शव के बारे में उन्होंने बताया कि यह अपने तरह का अजीब शव था, जो पोस्टमार्टम के लिए लाया गया था। शुरू में तो लगा सामान्य शव होगा, मगर ऐसा नहीं था। शव देखकर चौकना लाजिमी था, क्योंकि गर्दन धड़ से अलग कटी थी। कलाइयों से दोनों हाथ कटे थे। बाकी धड़ अलग था।

‘बहुत सुंदर लड़का था क्यों मार डाला’

 

डॉक्टर ने बताया कि हम लोग वर्षों से पोस्टमार्टम करते आ रहे हैं। सामान्य तौर पर किसी शव को देखकर इतनी संवेदना नहीं आती है, लेकिन सौरभ का जिस तरह से कत्ल किया गया, उसे देखकर घर जाने के बाद भी जहन में वही शव घूमता रहा। साथ ही यह ख्याल भी आता रहा कि क्या पत्नी इतनी भी बेरहम हो सकती है। बहुत सुंदर लड़का था…क्यों मार डाला।

कटर से काटा गया ड्रम और सीमेंट, तब निकला शव

टीम ने बताया कि शव को ड्रम में डालकर डस्ट और सीमेंट डालकर उसमें ऊपर तक पानी भरा गया था। इससे शव सीमेंट के बीच में जम गया था। हवा न जा पाने के कारण शव सड़ा गला नहीं था, उसमें दुर्गंध भी कम आ रही थी। पोस्टमार्टम हाउस में ड्रम को कटर से काटा गया। फिर जमे हुए सीमेंट को काटा गया। उसमें से शव निकाला गया। इसमें करीब एक घंटा लग गया। इसके बाद पोस्टमार्टम किया गया।