फिरोजपुर, 15 अक्टूबर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Health Desk: स्वास्थ्य विभाग फिरोजपुर की ओर से सहायक आयुक्त (जनरल) गुरदेव सिंह धम्म की अध्यक्षता में उपायुक्त कार्यालय में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें टीबी मरीजों को हर महीने पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए व्यापारियों और समाजसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श किया गया। इस बैठक में केंद्रीय टीबी डिवीजन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर (इंपैक्ट इंडिया प्रोजेक्ट) डॉ. जसकीरत सिंह ने विशेष रूप से भाग लिया।
बैठक के दौरान सहायक आयुक्त गुरदेव सिंह धम्म ने सभी व्यापारियों और समाजसेवी संस्थाओं से टीबी उन्मूलन अभियान में अधिक से अधिक सहयोग देने की अपील की। उन्होंने कहा कि समाजसेवी संस्थाएँ “निक्षय मित्र” बनकर टीबी मरीजों को भोजन उपलब्ध कराने में सहायता करें ताकि इस बीमारी को जड़ से समाप्त किया जा सके।
डॉ. जसकीरत सिंह ने कहा कि फिरोजपुर जिले के व्यापारी वर्ग को समाज कल्याण के इस कार्य में सीएसआर फंड के माध्यम से आगे आना चाहिए।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग की ओर से डॉ. गुरमेज राम (डीएमसी), जिला टीबी अधिकारी डॉ. सतींदर कौर, डब्ल्यूएचओ के डॉ. परितोष धवन, डिप्टी मास मीडिया अधिकारी अंकुश भंडारी, फार्मेसी अधिकारी राज कुमार, टीबी क्लिनिक सुपरवाइजर राजदीप सिंह, रीडर कंचन बाला, और टीबी विंग से मलकित सिंह, रिंकू कम्बोज तथा भूपिंदर सोनी मौजूद रहे।
इस अवसर पर विभिन्न एनजीओ और व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए डॉ. जसकीरत सिंह और जिला टीबी अधिकारी डॉ. सतींदर कौर ने टीबी के लक्षणों और रोकथाम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तपेदिक (टीबी) मुख्यतः दो प्रकार की होती है — फेफड़ों की टीबी और अन्य अंगों की टीबी। लगभग 90% से अधिक मामलों में फेफड़ों की टीबी पाई जाती है।
टीबी के आम लक्षण हैं — लगातार दो सप्ताह से अधिक खांसी (कभी-कभी खून या बलगम के साथ), बुखार, भूख में कमी, वजन घटना, थकावट और रात में पसीना आना। कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों में टीबी का जीवाणु रक्त के माध्यम से शरीर के अन्य भागों में फैल जाता है।
टीबी तब फैलती है जब संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है और उसके द्वारा छोड़ी गई सूक्ष्म बूंदें किसी स्वस्थ व्यक्ति के फेफड़ों में चली जाती हैं।
टीबी से बचाव के लिए सबसे आवश्यक है कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत किया जाए — पौष्टिक भोजन, नियमित व्यायाम और स्वच्छ वातावरण में रहना इसके लिए जरूरी है।
उन्होंने बताया कि अगर किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक खांसी, बुखार, वजन कम होना, भूख की कमी या रात में पसीना आने जैसे लक्षण हों, तो उसे तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए। टीबी की जांच और इलाज सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर नि:शुल्क उपलब्ध है।
इस अवसर पर रेड क्रॉस, फिरोजपुर फाउंडेशन, राधा स्वामी सत्संग डेरा, डीसीएम ग्रुप ऑफ स्कूल्स, भारत विकास परिषद और रक्षा फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।