संयम में जीवन का सौंदर्य छिपा है। जीवन में संयम रखने का अर्थ है, हम वाणी, विचार और समय का संयम रखें। जो कुछ हमारे आसपास है, उसमें हम संयमित और मर्यादित रहें। हमें ये पता होना चाहिए कि जो समय हमारे पास है, वो कितना सीमित है और उसका हमें सही तरीके से लाभ लेना है। हमें अपनी धन-संपदा का अतिभोग नहीं करना है, इन पर नियंत्रण रखना है। संयमी व्यक्ति वह है, जो मितव्ययी होता है, जिसके पास बचत रहती है और वह अपनी चीजों का दूसरों के लाभ के लिए उपयोग करता है।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए प्रकृति हमें क्या संदेश देती है?