05 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
Business Desk: भारतीय शेयर बाजार के सबसे प्रतिष्ठित निवेशकों में से एक राकेश झुनझुनवाला का जन्मदिन 5 जुलाई को होता है। उन्हें ‘बिग बुल’ और ‘भारत के वॉरेन बफेट’ के नाम से भी जाना जाता है। राकेश झुनझुनवाला का सफर आम निवेशकों के लिए प्रेरणा से कम नहीं है—एक ऐसा व्यक्ति जिसने महज ₹5,000 से निवेश की शुरुआत की और फिर भारत के सबसे सफल निवेशकों में गिना जाने लगा।
कैसे हुई शुरुआत?
राकेश झुनझुनवाला का जन्म 1960 में हुआ था। उनके पिता इनकम टैक्स विभाग में अधिकारी थे और उन्हें अक्सर अखबारों में शेयर बाजार की खबरें पढ़ते देखा करते थे। यहीं से राकेश की दिलचस्पी शेयर बाजार की ओर बढ़ी। उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंसी की पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 1985 में शेयर बाजार में कदम रखा। शुरुआती निवेश था सिर्फ ₹5,000, और उस समय बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स केवल 150 के स्तर पर था।
पहला बड़ा मुनाफा
शेयर बाजार में उनके शुरुआती कदम भी उतने ही खास थे। उन्होंने टाटा टी कंपनी के 5,000 शेयर मात्र ₹43 प्रति शेयर के भाव पर खरीदे। कुछ ही महीनों में शेयर का दाम बढ़कर ₹143 हो गया। राकेश ने इन्हें बेचकर करीब तीन गुना मुनाफा कमाया, और यहीं से उनके करियर की दिशा बदल गई। 1986 में उन्होंने पहला बड़ा मुनाफा कमाया, जो करीब ₹5 लाख था।
Rare Enterprises और मल्टी-बैगर स्टॉक्स
राकेश झुनझुनवाला ने अपनी निजी निवेश कंपनी ‘रेयर एंटरप्राइजेज’ की स्थापना की, जिसका नाम उन्होंने अपने और अपनी पत्नी रेखा झुनझुनवाला के नाम के पहले अक्षरों से लिया। उन्होंने शेयर बाजार में कई ऐसे स्टॉक्स में निवेश किया जो आगे चलकर मल्टी-बैगर साबित हुए। उनके पोर्टफोलियो में शामिल कुछ प्रमुख कंपनियां थीं – क्रिसिल, प्राज इंडस्ट्रीज, अरबिंदो फार्मा, एनसीसी आदि।
एक साधारण शुरुआत से ₹51,000 करोड़ की नेटवर्थ तक
राकेश झुनझुनवाला की निवेश रणनीति और जोखिम उठाने की क्षमता उन्हें भीड़ से अलग बनाती थी। जनवरी 2025 तक उनकी अनुमानित नेटवर्थ ₹51,336.4 करोड़ तक पहुंच गई थी। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि सही नजरिया, धैर्य और समय पर लिए गए फैसले कैसे किसी को शून्य से शिखर तक पहुंचा सकते हैं। उनकी कहानी न केवल निवेशकों के लिए, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो सपने देखने की हिम्मत रखता है।