खरीफ फसलों के लिए उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु विशेष अभियान जारी, दुकानों और गोदामों की हो रही सघन जांच

गुरदासपुर ज़िला लोक संपर्क अधिकारी कार्यालय                                                                      गुरदासपुर,22 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर

Punjab Desk: पंजाब कृषि विभाग के प्रशासनिक सचिव डॉ. बसंत गर्ग के आदेशों और उपायुक्त श्री दलविंदरजीत सिंह के दिशा-निर्देशों के तहत किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली कृषि सामग्री, विशेषकर खरीफ फसलों के लिए आवश्यक उर्वरकों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिला गुरदासपुर में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा चलाया जा रहा विशेष अभियान तीसरे दिन भी जारी रहा।

इस अभियान के तहत गुरदासपुर शहर और ब्लॉक बटाला, श्री हरगोबिंदपुर साहिब, कादियां, फतेहगढ़ चूड़ियां और धारीवाल क्षेत्रों में उर्वरक विक्रेताओं की दुकानों और गोदामों की चेकिंग की गई ताकि यूरिया खाद की कालाबाज़ारी और जमाखोरी पर रोक लगाई जा सके। साथ ही यूरिया खाद के स्टॉक और संबंधित दस्तावेजों की भी जांच की गई। जहां कहीं भी अनियमितताएं पाई गईं, वहां संबंधित विक्रेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। आज के अभियान का नेतृत्व पंजाब के संयुक्त निदेशक (नकदी फसलें) डॉ. तेजपाल सिंह ने किया।

पिंड कौंटा में महाजन मार्केटिंग के थोक खाद विक्रेता के गोदामों की जांच के बाद डॉ. तेजपाल सिंह ने जानकारी दी कि जिले में धान की बुवाई का काम पूरा हो चुका है और अब यूरिया खाद का प्रयोग शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर खाद उपलब्ध कराने के लिए चलाए जा रहे इस अभियान में विक्रेताओं की दुकानों और गोदामों के साथ-साथ उनके दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है। जिन विक्रेताओं के रिकॉर्ड में खामियां पाई गईं, उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं।

डॉ. तेजपाल ने यह भी बताया कि 31 जुलाई 2025 तक जिले में कुल 77,000 मीट्रिक टन यूरिया की आवश्यकता है, जबकि 21 जुलाई तक लगभग 74,723 मीट्रिक टन यूरिया जिले में पहुंच चुका है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे यूरिया खाद का उपयोग कृषि वैज्ञानिकों की सिफारिशों के अनुसार प्रति एकड़ 90 किलो तक ही करें और आवश्यकता के अनुसार ही खाद की खरीद करें, ताकि अन्य किसानों को भी खाद की उपलब्धता में परेशानी न हो।

उन्होंने खाद विक्रेताओं को निर्देश दिए कि पीओएस मशीनों में दर्ज बिक्री और दुकानों में उपलब्ध स्टॉक की जानकारी एक समान होनी चाहिए, ताकि केंद्र सरकार से खाद की सप्लाई में कोई बाधा न आए।

मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. अमरीक सिंह ने सभी डीलरों को निर्देश दिए कि वे अपने लाइसेंस और अन्य आवश्यक दस्तावेज पूरे रखें और किसी भी तरह की लापरवाही न करें। उन्होंने कहा कि दुकानों में प्रतिदिन स्टॉक और मूल्य की जानकारी स्टॉक बोर्ड पर लिखी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को दी जा रही हर कृषि सामग्री की पक्की रसीद दी जाए और केवल आवश्यक सामग्री ही बेची जाए, कोई गैरजरूरी वस्तुएं न दी जाएं।

डॉ. सिंह ने चेतावनी दी कि चेकिंग के दौरान अगर कोई विक्रेता बिना बिल के खाद, दवा या बीज बेचता पाया गया तो उसके खिलाफ खाद नियंत्रण आदेश 1985 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

अंत में, उन्होंने किसानों से भी अपील की कि वे खाद, कीटनाशक या बीज खरीदते समय विक्रेता से बिल अवश्य लें और यदि कोई डीलर बिल देने से इनकार करता है, तो उसकी लिखित शिकायत संबंधित कृषि अधिकारी या मुख्य कृषि अधिकारी को करें।

इस मौके पर ब्लॉक कृषि अधिकारी डॉ. गगनदीप सिंह, ब्लॉक टेक्नोलॉजी मैनेजर कनवर हरप्रीत सिंह, सुरिंदर महाजन और वरिंदर महाजन भी उपस्थित थे।