25 अक्टूबर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Chandigarh Desk: ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज्ज की दोबारा ताजपोशी से सिख पंथ विवाद समाप्त 10 मार्च को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब, गुरु पंथ और संगत की अनुपस्थिति में जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज्ज की दस्तारबंदी की थी, जिससे कई पंथक जत्थेबंदियां नाराज थीं। इसी विवाद को समाप्त करते हुए शनिवार को तख्त श्री केसगढ़ साहिब में विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज्ज को सिख पंथ की रीति-रिवाजों के अनुसार एक बार फिर श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी और श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार के रूप में दस्तारबंद किया गया।
इस मौके पर पूर्व जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने स्वयं गड़गज्ज को पगड़ी पहनाई। समारोह में सिख और निहंग जत्थेबंदियों समेत अनेक धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज्ज ने इस अवसर पर सभी सिख जत्थेबंदियों से अपील की कि वे श्री अकाल तख्त साहिब की छत्रछाया में एकजुट होकर चलें। उन्होंने पंजाब में हो रहे धर्म परिवर्तन और मोगा में नशे के कारण बच्चों से जुड़ी घटनाओं पर चिंता जताई।
सूत्रों के अनुसार, एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी और पूर्व जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने राजनीतिक दबाव के चलते गड़गज्ज की नियुक्ति को स्वीकार किया। बताया गया है कि 10 मार्च को शिरोमणि अकाली दल (बादल) अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने गुप्त रूप से गड़गज्ज को जत्थेदार नियुक्त किया था। विरोध के बाद सुखबीर बादल ने प्रमुख सिख संगठनों से मुलाकात कर गड़गज्ज को स्वीकार करने की अपील की, जिसके चलते दोबारा ताजपोशी समारोह आयोजित किया गया।
यह सिख इतिहास में पहला अवसर है जब किसी जत्थेदार की दोबारा दस्तारबंदी कर संगत से उन्हें स्वीकार करने का अनुरोध किया गया। समारोह में बाबा बलवीर सिंह दल प्रमुख बाबा बूडा दल 96 करोड़ी, बाबा अवतार सिंह, बाबा जोगा सिंह तरना दल प्रमुख, बाबा मेजर सिंह सोढ़ी दशमेश तरना दल, रंजीत सिंह पूर्व जत्थेदार तख्त श्री पटना साहिब, संत कर्मजीत सिंह यमुनानगर वाले, बाबा सतनाम सिंह कार सेवा किला श्री आनंदगढ़ साहिब, गुरचरण सिंह ग्रेवाल सहित बड़ी संख्या में सिख संप्रदायों के प्रमुख गणमान्य उपस्थित रहे।













