सीड पंजाब संशोधन बिल-2025: संशोधन के विरोध में एकजुट हुए डीलर, कृषि मंत्री से की मुलाकात

सीड पंजाब संशोधन बिल-2025 पर घमासान: डीलरों ने जताई आपत्ति, कृषि मंत्री को सौंपा सुझाव पत्र पंजाब सरकार द्वारा नकली बीजों की बिक्री को गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में लाने संबंधी प्रस्तावित सीड (पंजाब संशोधन) बिल-2025 को लेकर राज्य के एग्रो इनपुट डीलर लामबंद हो गए हैं। सरकार द्वारा तैयार किए गए इस विधेयक के ड्राफ्ट को कैबिनेट चर्चा के बाद मंजूरी के लिए कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां के पास भेजा गया है। इससे पहले एग्रो इनपुट डीलर एसोसिएशन पंजाब के प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री से मुलाकात कर मुख्यमंत्री के नाम सुझाव पत्र सौंपा और ड्राफ्ट बिल में बदलाव की मांग की। डीलरों की प्रमुख आपत्तियां एसोसिएशन के पदाधिकारियों — ईश्वर गर्ग टिम्पी, राज रासेवत, सुरेंद्र सिंह, काला राम, विक्की सारा, प्रदीप कुमार और लव परसीचा — ने बताया कि मंत्री ने उनकी बात को गंभीरता से सुना है और भरोसा दिलाया है कि किसी के साथ अन्याय नहीं होगा। डीलरों ने सरकार को जिन प्रमुख सुझावों से अवगत कराया, वे हैं: बीज संशोधन बिल को गैर-जमानती अपराध की श्रेणी से बाहर किया जाए। अच्छी गुणवत्ता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी बीज उत्पादकों की होनी चाहिए, न कि अधिकृत डीलरों की जो सिर्फ पैक्ड बीज बेचते हैं। बिना जांच के किसी व्यक्ति को दोषी मानना अनुचित होगा। पुलिस हस्तक्षेप को समाप्त किया जाए, क्योंकि इससे भ्रष्टाचार और बीजों की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका है। विधेयक को जल्दबाजी में पारित करने की बजाय सभी पक्षों से विचार-विमर्श के बाद ही सख्ती लागू की जाए। क्या है बिल में प्रस्तावित सजा ड्राफ्ट बिल के अनुसार नकली बीज बेचने पर कंपनियों और उत्पादकों को पहली बार एक से दो वर्ष की सजा और 5 से 10 लाख रुपये जुर्माना होगा। दोबारा अपराध पर यह सजा दो से तीन वर्ष और जुर्माना 10 से 50 लाख रुपये तक होगा। वहीं, डीलरों को पहली बार अपराध पर 6 महीने से 1 साल की सजा और 1 से 5 लाख रुपये जुर्माना तथा दोबारा अपराध पर 1 से 2 साल की सजा और 5 से 10 लाख रुपये जुर्माना हो सकता है। ड्राफ्ट में यह भी परिभाषित किया गया है कि सीड प्रोड्यूसर वह व्यक्ति होगा जो व्यवसायिक उद्देश्य से बीज का उत्पादन कर रहा है और उसे डीलरों के माध्यम से बेच रहा है। जबकि डीलर हर वह व्यक्ति होगा जो बीज की बिक्री, निर्यात या आयात से जुड़ा है — जिसमें खुदरा विक्रेता, मार्केटिंग एजेंट व अन्य भी शामिल हैं। सरकार का पक्ष कृषि मंत्री ने स्पष्ट किया कि सीड संशोधन बिल का उद्देश्य किसानों को अच्छी गुणवत्ता के बीज उपलब्ध कराना है, ताकि उत्पादन में वृद्धि हो सके। उन्होंने कहा कि डीलरों के सुझावों पर विचार किया जाएगा और किसी के साथ अन्याय नहीं होगा।

02 अगस्त 2025 फैक्ट रिकॉर्डर

Punjab Desk:सीड पंजाब संशोधन बिल-2025 पर घमासान: डीलरों ने जताई आपत्ति, कृषि मंत्री को सौंपा सुझाव पत्र                                                                                                                            पंजाब सरकार द्वारा नकली बीजों की बिक्री को गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में लाने संबंधी प्रस्तावित सीड (पंजाब संशोधन) बिल-2025 को लेकर राज्य के एग्रो इनपुट डीलर लामबंद हो गए हैं। सरकार द्वारा तैयार किए गए इस विधेयक के ड्राफ्ट को कैबिनेट चर्चा के बाद मंजूरी के लिए कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां के पास भेजा गया है। इससे पहले एग्रो इनपुट डीलर एसोसिएशन पंजाब के प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री से मुलाकात कर मुख्यमंत्री के नाम सुझाव पत्र सौंपा और ड्राफ्ट बिल में बदलाव की मांग की।

डीलरों की प्रमुख आपत्तियां
एसोसिएशन के पदाधिकारियों — ईश्वर गर्ग टिम्पी, राज रासेवत, सुरेंद्र सिंह, काला राम, विक्की सारा, प्रदीप कुमार और लव परसीचा — ने बताया कि मंत्री ने उनकी बात को गंभीरता से सुना है और भरोसा दिलाया है कि किसी के साथ अन्याय नहीं होगा।

डीलरों ने सरकार को जिन प्रमुख सुझावों से अवगत कराया, वे हैं:

बीज संशोधन बिल को गैर-जमानती अपराध की श्रेणी से बाहर किया जाए।

अच्छी गुणवत्ता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी बीज उत्पादकों की होनी चाहिए, न कि अधिकृत डीलरों की जो सिर्फ पैक्ड बीज बेचते हैं।

बिना जांच के किसी व्यक्ति को दोषी मानना अनुचित होगा।

पुलिस हस्तक्षेप को समाप्त किया जाए, क्योंकि इससे भ्रष्टाचार और बीजों की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका है।

विधेयक को जल्दबाजी में पारित करने की बजाय सभी पक्षों से विचार-विमर्श के बाद ही सख्ती लागू की जाए।

क्या है बिल में प्रस्तावित सजा
ड्राफ्ट बिल के अनुसार नकली बीज बेचने पर कंपनियों और उत्पादकों को पहली बार एक से दो वर्ष की सजा और 5 से 10 लाख रुपये जुर्माना होगा। दोबारा अपराध पर यह सजा दो से तीन वर्ष और जुर्माना 10 से 50 लाख रुपये तक होगा।
वहीं, डीलरों को पहली बार अपराध पर 6 महीने से 1 साल की सजा और 1 से 5 लाख रुपये जुर्माना तथा दोबारा अपराध पर 1 से 2 साल की सजा और 5 से 10 लाख रुपये जुर्माना हो सकता है।

ड्राफ्ट में यह भी परिभाषित किया गया है कि सीड प्रोड्यूसर वह व्यक्ति होगा जो व्यवसायिक उद्देश्य से बीज का उत्पादन कर रहा है और उसे डीलरों के माध्यम से बेच रहा है। जबकि डीलर हर वह व्यक्ति होगा जो बीज की बिक्री, निर्यात या आयात से जुड़ा है — जिसमें खुदरा विक्रेता, मार्केटिंग एजेंट व अन्य भी शामिल हैं।

सरकार का पक्ष
कृषि मंत्री ने स्पष्ट किया कि सीड संशोधन बिल का उद्देश्य किसानों को अच्छी गुणवत्ता के बीज उपलब्ध कराना है, ताकि उत्पादन में वृद्धि हो सके। उन्होंने कहा कि डीलरों के सुझावों पर विचार किया जाएगा और किसी के साथ अन्याय नहीं होगा।