योद्धाओं और शहीदों की भूमि को नशे से बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा-राज्यपाल पंजाब पंजाब को नशा मुक्त बनाने के लिए सरकार विशेष प्रयास कर रही है अमृतसर 6 अप्रैल 2025–Fact Recorder
नशे के खिलाफ युद्ध के संकल्प के साथ पंजाब के सीमावर्ती जिलों में पैदल मार्च कर रहे पंजाब के राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया ने लगातार दूसरे दिन अमृतसर जिले में पैदल मार्च किया और पंजाब के लोगों से नशे के खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि पंजाब की धरती जो अपनी देशभक्ति, वीरों, शहीदों, योद्धाओं के लिए जानी जाती है, उसे नशे से बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि दुश्मन देश द्वारा नशीले पदार्थों की तस्करी जारी है लेकिन हमारी सेनाएं भी इसे पकड़ने के लिए दिन-रात सक्रिय होकर कार्य कर रही हैं। इसके अलावा गांवों में जिला प्रशासन द्वारा गठित ग्राम स्तरीय रक्षा समितियां भी इस तस्करी को रोकने के लिए काफी सजगता से काम कर रही हैं, जो काफी सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि नशा केवल पंजाब की समस्या नहीं है बल्कि यह पूरे देश को अपनी गिरफ्त में ले रही है। इसीलिए पंजाब सरकार द्वारा पंजाब को नशा मुक्त बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है और यहां से आसानी से ड्रग्स की तस्करी की जाती है, इसलिए दुश्मन मौके का फायदा उठाकर इसकी सप्लाई कर रहे हैं, जिसे रोकने के लिए सीमा पर एंटी-ड्रोन सिस्टम लगाए गए हैं और जिनकी संख्या को अब और बढ़ाया जा रहा है। इसके अलावा पंजाब सरकार भी एंटी-ड्रोन सिस्टम लगाने का प्रयास कर रही है।
फतेहगढ़ चूड़ियां रोड स्थित शहीद भगत सिंह ग्रुप ऑफ कॉलेज में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने बच्चों और बुजुर्गों को अपने आसपास के वातावरण को नशा मुक्त बनाने में योगदान देने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि नशा सिर्फ मेरे पैदल मार्च या सरकार के प्रयास से खत्म नहीं हो सकता, इसे खत्म करने के लिए लोगों का समर्थन बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने गांवों में खेल स्टेडियम बनाने का बीड़ा उठाया है और जिस भी पंचायत को खेल मैदान बनाने के लिए किसी भी तरह की सहायता की जरूरत है, वह उपायुक्त कार्यालय से संपर्क कर सकता है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा बच्चों को गुरुद्वारों और मंदिरों से जोड़ना भी नशा मुक्ति के लिए एक बड़ा प्रयास हो सकता है। उन्होंने अपने समय का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे समय में सभी बच्चे अपनी धार्मिक आस्था के अनुसार गुरुद्वारों, मंदिरों, मस्जिदों में जाते थे। इस प्रकार ऐसा करने से जहां एक ओर उन्हें धार्मिक संतुष्टि मिलती थी, वहीं सामाजिक बुराइयों से बचने की प्रेरणा भी मिलती थी, जो जीवन भर उनके काम आती थी। लेकिन अब बच्चे मोबाइल फोन तक ही सीमित हो गए हैं जो एक चिंता का विषय है। माता-पिता भी उन्हें धार्मिक स्थलों से जोड़ने का प्रयास नहीं करते हैं। इसके अलावा बच्चों के माता-पिता बच्चों को खेल के मैदानों में भी भेजने की हिम्मत नहीं करते, जोकि करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि एक अच्छा खिलाड़ी न केवल अपने शरीर का ध्यान रखता है, बल्कि वह हार-जीत सहन करना, भाईचारा, अनुशासन जैसे महान गुण भी सीखता है। कभी-कभी बच्चों का यह प्रयास अंतरराष्ट्रीय खेल मैदानों तक भी पहुंच जाता है, जिससे न केवल उस परिवार का बल्कि देश का भी नाम रोशन होता है। उन्होंने कहा कि आइए अपने बच्चों को गुरुद्वारों, मस्जिदों, मंदिरों और खेल के मैदानों से फिर से जोड़ें।
गौरतलब है कि इस अवसर पर बड़ी संख्या में बच्चों ने इस पैदल मार्च में भाग लिया। ऑक्सफोर्ड स्कूल से शुरू होकर यह यात्रा शहीद भगत सिंह ग्रुप ऑफ कॉलेजे पर समाप्त हुई। इस अवसर पर राज्यपाल पंजाब के प्रमुख सचिव श्री विवेक प्रताप सिंह, अंतरराष्ट्रीय एथलीट बहादुर सिंह, अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी बलजीत सिंह, रोइंग खिलाड़ी चंदनदीप सिंह, डीआइजी श्री सतिंदर सिंह, उपायुक्त श्रीमती साक्षी साहनी, जिला पुलिस प्रमुख श्री मनिंदर सिंह, रेड क्रॉस के राज्य सचिव श्री शिवदुलार सिंह ढिल्लों, अतिरिक्त उपायुक्त श्री अमित सरीन, एसडीएम रविंदर सिंह अरोड़ा, सहायक आयुक्त गुर सिमरन कौर के अलावा बड़ी संख्या में अधिकारी उपस्थित थे।
