संभल में 24 नवंबर को हुए बवाल के मामले में आरोपी बनाए गए समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क बुधवार को न्यायिक जांच आयोग के सामने बयान दर्ज कराने के लिए लखनऊ पहुंचे। आयोग ने उन्हें और एक विधायक के बेटे को आयोग के लखनऊ स्थित कार्यालय में पेश होने के लिए समन भेजा था।
बयान दर्ज कराने से पहले मीडिया से बातचीत करते हुए सांसद बर्क ने कहा कि न्यायिक आयोग ने मुझे बुलाया है। उनका जवाब देना मेरा कर्तव्य है। मुझे पूरी उम्मीद है कि न्याय जरूर मिलेगा। उन्होंने कहा कि वह हर तरह की जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं, लेकिन उन्हें पुलिस की जांच प्रक्रिया पर भरोसा नहीं है।
सांसद ने कहा कि पहले दिन हिंसा प्रभावित क्षेत्र के सर्वे के दाैरान कुछ भी नहीं हुआ था। वह खुद संभल में ही मौजूद थे। जिस दिन हिंसा की बात कही जा रही है उस दिन वह शहर में नहीं थे। बर्क ने कहा कि जब एक सांसद को इंसाफ के लिए लड़ना पड़ रहा है तो सोचिए आम आदमी को कैसे इंसाफ मिलता होगा।
गौरतलब है कि इससे पहले पांच अप्रैल को सांसद और विधायक के बेटे को आयोग ने पेश होने के लिए बुलाया था लेकिन वह उपस्थित नहीं हो सके थे। इसके बाद आयोग ने पेशी की तारीख आगे बढ़ा दी थी। सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर भड़काऊ भाषण देने और विधायक के बेटे पर भीड़ को उकसाने का आरोप है।
दोनों एक ही एफआईआर में नामजद हैं। इसी एफआईआर में जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट को भी आरोपी बनाया गया है, जो 23 मार्च से जेल में बंद हैं। इस मामले में गठित न्यायिक जांच आयोग लगातार घटना से जुड़े अधिकारियों, आम नागरिकों और राजनीतिक व्यक्तियों के बयान दर्ज कर रहा है, ताकि घटना की निष्पक्ष जांच की जा सके।
बवाल मामले में मीडिया कर्मियों के बयान दर्ज हुए
न्यायिक जांच आयोग द्वारा मीडिया कर्मियों के भी ऑनलाइन बयान दर्ज किए गए हैं। यह बयान एनआईसी के माध्यम से दर्ज कि किए गए। एएसपी श्रीश्चंद्र ने बताया कि 16 मीडिया कर्मियों को बयान दर्ज कराने थे लेकिन नौ ही मीडिया कर्मी बयान दर्ज कराने के लिए पहुंचे। उन सभी के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बयान दर्ज हुए हैं। जो मीडिया कर्मी बयान दर्ज कराने से रह गए हैं उनके बयान न्यायिक जांच आयोग द्वारा समय दिए जाने पर दर्ज होंगे।
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