माइग्रेन से राहत: दवाओं से ज्यादा कारगर साबित होंगी ये आदतें

माइग्रेन से राहत: दवाओं से ज्यादा कारगर साबित होंगी ये आदतें

25 अगस्त 2025 फैक्ट रिकॉर्डर

Health Desk:  अगर कोई कामकाजी महिला माइग्रेन से पीड़ित है, तो उसके लिए घर-परिवार, ऑफिस, बच्चों और रिश्तों के साथ खुद का ख्याल रखना और भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। माइग्रेन सिर्फ सिरदर्द तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके साथ मतली, थकान और रोशनी या आवाज़ से संवेदनशीलता भी जुड़ी होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि दवाओं के साथ अनुशासित जीवनशैली अपनाकर इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।

दिन की शुरुआत सही आदतों से                                                                                            सुबह का समय पूरे दिन की ऊर्जा तय करता है। रोजाना एक तय समय पर उठें, छुट्टी वाले दिन भी। उठते ही तुरंत मोबाइल या स्क्रीन न देखें। स्ट्रेचिंग के बाद 10–15 मिनट योग और प्राणायाम (जैसे अनुलोम-विलोम, भ्रामरी) करें। यह तनाव कम करने और माइग्रेन की तीव्रता घटाने में मदद करता है।

नाश्ता कभी न छोड़ें                                                                                                          खाली पेट रहना माइग्रेन को तेज कर सकता है। इसलिए पौष्टिक नाश्ता ज़रूरी है—ओट्स, दलिया, फल या मूंग दाल चीला जैसी चीजें खाएं। अधिक कैफीन, चाय-कॉफी और एनर्जी ड्रिंक से बचें।

स्क्रीन टाइम पर नियंत्रण                                                                                                    ऑफिस में लगातार स्क्रीन देखना आपकी मजबूरी है, लेकिन हर 30 मिनट में 1–2 मिनट का ब्रेक लें। पीठ सीधी रखें, स्क्रीन आंखों की लेवल पर हो और पैर जमीन पर टिके हों।

पानी और रिलैक्सेशन                                                                                                          डिहाइड्रेशन माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है, इसलिए दिन भर पर्याप्त पानी पिएं। तनाव से बचने के लिए गहरी सांस लें, हल्की वॉक करें या पसंदीदा संगीत सुनें। छोटे ब्रेक मूड बेहतर करते हैं और दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

ट्रिगर पहचानें                                                                                                                    हर व्यक्ति के ट्रिगर अलग होते हैं—जैसे भूख, तेज रोशनी, तेज आवाज, मौसमी बदलाव या स्क्रीन टाइम। माइग्रेन के दिन अपने खानपान, नींद, तनाव और माहौल को नोट करें। इससे पैटर्न समझने और कारण पहचानने में मदद मिलेगी।

शाम को खुद के लिए समय                                                                                                  दिनभर की भागदौड़ के बाद रिलैक्सेशन जरूरी है। हल्की वॉक, बागवानी, पेंटिंग या कोई पसंदीदा काम करें जो सुकून दे।

नींद है सबसे बड़ी दवा                                                                                                          माइग्रेन रोगियों के लिए 7–8 घंटे की नींद बेहद जरूरी है। सोने से पहले स्क्रीन से दूरी बनाएं, कमरे की रोशनी हल्की रखें और माहौल आरामदायक बनाएं।

विशेषज्ञ की सलाह                                                                                                              राम मनोहर लोहिया अस्पताल, दिल्ली के न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. के.एस. आनंद बताते हैं कि माइग्रेन को दवाओं से नहीं, बल्कि अनुशासित जीवनशैली से बेहतर तरीके से संभाला जा सकता है। समय पर भोजन, पर्याप्त पानी, तनाव प्रबंधन और पौष्टिक आहार इसे नियंत्रित करने की कुंजी हैं।