26 अगस्त 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Himachal Desk: हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। पिछले तीन दिनों से जारी बारिश के चलते मंडी जिले के बालीचौकी में देर रात जमीन धंसने से दो इमारतें जमींदोज हो गईं। इन इमारतों में 40 से अधिक दुकानें थीं। सौभाग्य से, प्रशासन ने संभावित खतरे को देखते हुए पांच दिन पहले ही इन्हें खाली करवा लिया था, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई।
मनाली में ब्यास नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है। बाहंग क्षेत्र में एक रेस्टोरेंट और चार दुकानें नदी में बह गईं। आलू ग्राउंड और बाहंग में पानी हाईवे तक पहुंच गया, जिसके बाद प्रशासन ने रातों-रात इन क्षेत्रों को खाली करवाया। मनाली में ग्रीन टैक्स बैरियर के पास सड़क ध्वस्त हो गई है, जबकि बिंदु ढांक के पास मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग नदी में समा गया।
प्रदेश भर में हालात गंभीर बने हुए हैं। भूस्खलन के कारण 750 से अधिक सड़कें बंद हो चुकी हैं। मौसम विभाग ने चंबा और कांगड़ा में रेड अलर्ट, कुल्लू और मंडी में ऑरेंज अलर्ट, जबकि ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर और लाहौल-स्पीति में येलो अलर्ट जारी किया है। आपदा की आशंका को देखते हुए शिमला, कांगड़ा, मंडी, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा और कुल्लू के स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं।
इस बीच, लाहौल-स्पीति के शिंकुला दर्रे में 24 अगस्त की रात से लगातार बर्फबारी हो रही है और यहां आधा फीट से अधिक बर्फ जम चुकी है। राज्य सरकार ने लोगों को भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों और नदी-नालों के किनारे न जाने की सख्त हिदायत दी है।













