31 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
Chandigarh Desk: पंजाब-हरियाणा के बीच भाखड़ा नहर को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। पंजाब सरकार ने हरियाणा को भाखड़ा नहर के संचालन और रखरखाव के लिए 113.24 करोड़ रुपये का बकाया बिल भेजा है। पंजाब के जल संसाधन विभाग की ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि हरियाणा ने 2015-16 के बाद से कोई भुगतान नहीं किया है। इसमें पटियाला कैनाल डिवीजन के 103.92 करोड़ और जवाहरके कैनाल डिवीजन के 9.32 करोड़ रुपये शामिल हैं। सिर्फ 2023-24 में ही कर्मचारियों के वेतन और कार्यालय खर्च पर 22.20 करोड़ रुपये बकाया हैं, जबकि 1990 से अब तक कुल 318.34 करोड़ रुपये की देनदारी बनती है।
भाखड़ा नहर से कुल 12,455 क्यूसेक पानी की आपूर्ति होती है, जिसमें हरियाणा को 63% (7,841 क्यूसेक), पंजाब को 25% (3,108 क्यूसेक), राजस्थान को 7% (850 क्यूसेक), दिल्ली को 4% (496 क्यूसेक) और चंडीगढ़ को 1% (160 क्यूसेक) पानी मिलता है। चूंकि नहर पंजाब से होकर गुजरती है, इसलिए इसके रखरखाव की जिम्मेदारी पंजाब सरकार की है, जबकि अन्य राज्यों को अपने हिस्से के पानी के अनुपात में खर्च वहन करना होता है। हरियाणा को सबसे ज्यादा पानी मिलने के कारण उस पर सबसे अधिक वित्तीय दायित्व है, लेकिन 2015-16 के बाद से उसने भुगतान करना बंद कर दिया था। दिलचस्प बात यह है कि राजस्थान नियमित रूप से हर साल 8-9.5 करोड़ रुपये का भुगतान करता रहा है। पंजाब के जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव कृष्ण कुमार ने हरियाणा सरकार को पत्र लिखकर बकाया राशि का भुगतान करने को कहा है। यह विवाद तब सामने आया है जब 2016-17 के बाद से विभाग ने लेखा-जोखा रखने में लापरवाही बरती थी, जिसके बाद प्रमुख सचिव के निर्देश पर की गई आंतरिक ऑडिट में यह मामला सामने आया।













