07 मई, 2025 Fact Recorder
देशभर के 244 ज़िलों में कल सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल, पंजाब के 20 ज़िले भी होंगे शामिल
देश की सुरक्षा तैयारियों को परखने और आपात स्थितियों में प्रतिक्रिया देने की क्षमता बढ़ाने के मकसद से कल पूरे भारत के 244 ज़िलों में एक महत्वपूर्ण सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। पंजाब के 20 ज़िले भी इस अभ्यास में हिस्सा लेंगे। यह फैसला हाल ही में दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक के बाद लिया गया, जिसमें सभी ज़िलों की सूची जारी की गई। इस ड्रिल में पुलिस बल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और अन्य बचाव टीमें युद्ध जैसी स्थितियों में बचाव व प्रतिक्रिया की ट्रेनिंग लेंगी। अभ्यास के दौरान एयर रेड सायरन बजाए जाएंगे ताकि हमले की चेतावनी का अनुकरण किया जा सके। हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को देखते हुए यह मॉक ड्रिल और भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
ब्लैकआउट भी होगा अभ्यास का हिस्सा
पंजाब के ज़िलों में इस अभ्यास का एक अहम हिस्सा ब्लैकआउट होगा, जो अलग-अलग ज़िलों में अलग-अलग समय पर किया जाएगा। अमृतसर में रात 10 बजे 10 मिनट के लिए ब्लैकआउट किया जाएगा, जबकि अन्य कई ज़िलों में यह शाम 7 बजे होगा। इसका उद्देश्य रात के समय संभावित हवाई हमलों में अंधेरे के माध्यम से नागरिक इलाकों को छिपाना और दुश्मन की सटीकता को कम करना है।
आतंकी हमलों और आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारी
इस मॉक ड्रिल में ब्लैकआउट के अलावा आतंकवादी या अन्य आपातकालीन हालात से निपटने की भी रिहर्सल होगी। सायरन बजते ही सभी विभाग सक्रिय हो जाएंगे और बचाव टीमें तुरंत कार्यवाही करेंगी। हर एजेंसी को तय समय में अपने-अपने स्थानों पर पहुंचना होगा, ताकि उनकी प्रतिक्रिया क्षमता को परखा जा सके।
सिविलियनों की भी भूमिका अहम
हालांकि यह अभ्यास मुख्य रूप से सरकारी एजेंसियों और इमरजेंसी सेवाओं के लिए है, लेकिन आम नागरिकों से भी सतर्क रहने और ज़रूरत पड़ने पर एम्बुलेंस या फायर ब्रिगेड जैसे वाहनों को प्राथमिकता देने की अपील की गई है।
क्या होता है एयर रेड सायरन?
एयर रेड सायरन एक तीखी और तेज़ आवाज़ होती है, जो लगभग 60 सेकंड तक बजती है। इसका इस्तेमाल हवाई हमलों या अन्य खतरे की चेतावनी देने के लिए किया जाता है, जिससे लोग सुरक्षित स्थानों पर जा सकें।
इस साल की मॉक ड्रिल 1971 भारत-पाक युद्ध के समय हुई तैयारियों की याद दिलाती है। उस समय भी राज्य स्तर पर ऐसी ड्रिल्स आयोजित की जाती थीं। हाल ही में पंजाब के फिरोज़पुर छावनी क्षेत्र में एक ब्लैकआउट अभ्यास हुआ था, जिसमें गांवों की बिजली काट दी गई और पुलिस व सैन्य बलों ने संयुक्त रूप से हिस्सा लिया।