15 दिसंबर, 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Rashifal Desk: वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज अपने सरल और गहरे विचारों वाले सत्संगों के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में उनके एक सत्संग का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने कलयुग को लेकर प्रचलित धारणाओं को पूरी तरह से पलट दिया है।
भक्त ने सवाल किया कि “पहले के युगों में इतना पाप नहीं होता था।” इस पर प्रेमानंद महाराज ने चौंकाने वाला जवाब दिया: “तुम थे क्या? त्रेता युग में राक्षसों के आतंक से ऋषियों तक सुरक्षित नहीं थे, उनके शरीर खा दिए जाते थे। आज के कलयुग में ऐसा कोई भयावह दृश्य नहीं है।”
संत ने बताया कि त्रेता युग और अन्य पूर्व युगों की तुलना में कलयुग सबसे सम्मानजनक युग है, क्योंकि आध्यात्मिक प्रगति अब सबसे सरल हो गई है। पहले जहाँ मोक्ष या सिद्धि प्राप्त करने के लिए लंबे वर्षों की कठोर तपस्या और यज्ञ की आवश्यकता होती थी, वहीं कलयुग में केवल भगवान के नाम का कीर्तन, जप और स्मरण ही मोक्ष का मार्ग खोल देता है।
प्रेमानंद महाराज के अनुसार यही कारण है कि कलयुग में भक्त के लिए आध्यात्मिक उन्नति सबसे सहज और सुलभ हो गई है। यह युग इसलिए भी अनमोल है क्योंकि भगवान की भक्ति और नामस्मरण से जीवन में सरलता और मोक्ष प्राप्ति संभव हो गई है।













