13 अक्टूबर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Health Desk :दिल्ली का प्रदूषण सिर्फ फेफड़ों तक सीमित नहीं, जोड़ों पर भी कर रहा गंभीर असर: एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी
दिल्ली का बढ़ता प्रदूषण अब केवल फेफड़ों की समस्या तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह जोड़ों पर भी गंभीर असर डाल रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण रूमेटॉइड आर्थराइटिस जैसी ऑटोइम्यून बीमारियों के मामलों में बढ़ोतरी का प्रमुख कारण बन रहा है। इंडियन रुमेटोलॉजी एसोसिएशन (IRA) के विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि लगातार प्रदूषित हवा में रहने से स्वस्थ लोग भी इस गंभीर बीमारी के शिकार हो सकते हैं।
प्रदूषण और जोड़ों का संबंध
नई दिल्ली में हाल ही में आयोजित IRACON 2025 सम्मेलन में विशेषज्ञों ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में रूमेटॉइड आर्थराइटिस के मामलों में वृद्धि का कारण मुख्य रूप से वायु प्रदूषण है। पीएम 2.5, नाइट्रोजन ऑक्साइड और ओज़ोन जैसे माइक्रो प्रदूषक शरीर में सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव बढ़ाकर इम्यून सिस्टम को अतिसक्रिय कर देते हैं, जिससे जोड़ों की हड्डियों और मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है।
एम्स, फोर्टिस, सर गंगाराम, राम मनोहर लोहिया और अपोलो अस्पतालों के वरिष्ठ रुमेटोलॉजिस्टों ने बताया कि प्रदूषण न केवल नए मामलों में इजाफा कर रहा है, बल्कि मौजूदा मरीजों में बीमारी की तीव्रता भी बढ़ा रहा है। हरी जगहों की कमी, बढ़ता ट्रैफिक और लगातार गंदी हवा रूमेटॉइड आर्थराइटिस का खतरा और बढ़ा रहे हैं।
बचाव के उपाय
विशेषज्ञों ने कुछ महत्वपूर्ण उपाय सुझाए हैं, जिससे प्रदूषण के असर को कम किया जा सकता है:
प्रदूषण वाले इलाकों में मास्क का नियमित उपयोग।
घर में एयर प्यूरीफायर लगाना और वेंटिलेशन का ध्यान रखना।
धूम्रपान और तंबाकू का पूरी तरह त्याग।
हेल्दी डाइट और नियमित व्यायाम से इम्यूनिटी बढ़ाना।
जोड़ों में दर्द या सूजन जैसी समस्याओं पर समय रहते डॉक्टर से परामर्श।
हरी जगहें बढ़ाना और समाज में मिलकर प्रदूषण कम करने के प्रयास।
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य की समस्या नहीं, बल्कि सामाजिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट बन चुका है। इसलिए सावधानी और रोकथाम बेहद जरूरी है।













