25 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
International Desk: PM मोदी पहुंचे मालदीव, राष्ट्रपति मुइज्जू ने किया भव्य स्वागत; भारत-मालदीव संबंधों में नए अध्याय की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो देशों की यात्रा के दूसरे चरण में शुक्रवार को मालदीव पहुंचे। यह यात्रा खास तौर पर इसलिए अहम मानी जा रही है क्योंकि पीएम मोदी मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री की यह मालदीव की तीसरी आधिकारिक यात्रा है, और राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के कार्यकाल में किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष की यह पहली यात्रा है।
प्रधानमंत्री मोदी मालदीव की राजधानी माले में जैसे ही पहुंचे, वहां उनका भव्य स्वागत किया गया। हवाई अड्डे पर राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने स्वयं उनकी अगवानी की। उनके साथ मालदीव के रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, वित्त मंत्री और आंतरिक सुरक्षा मंत्री भी पीएम मोदी की आगवानी के लिए मौजूद रहे। यह दृश्य दोनों देशों के रिश्तों में मजबूती की नई शुरुआत को दर्शाता है।
भारत-मालदीव संबंधों में कूटनीतिक मायने यह दौरा कूटनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में दोनों देशों के बीच कुछ कड़वाहट जरूर आई थी, लेकिन इस उच्चस्तरीय दौरे से एक बार फिर रिश्तों को पटरी पर लाने का संदेश गया है। मालदीव के पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने पीएम मोदी की यात्रा को सकारात्मक बताया और कहा, “भारत हमेशा मालदीव का पहला और भरोसेमंद सहयोगी रहा है। जब भी संकट आता है, भारत सबसे पहले मदद करता है। यह भारतीय लोगों की उदारता और भारत-मालदीव की गहरी साझेदारी को दर्शाता है।”
शाहिद ने यह भी कहा कि सरकारें और राजनीतिक दल बदलते रहते हैं, लेकिन दोनों देशों के नागरिकों के बीच के संबंध स्थायी और मजबूत हैं। भारत की ओर से समय-समय पर दी गई मदद, चाहे वह आपदा के समय हो या विकास के क्षेत्रों में, हमेशा निर्णायक रही है।
पीएम मोदी की पिछली यात्रा और महत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछली मालदीव यात्रा जून 2019 में हुई थी। इस बार की यात्रा, राष्ट्रपति मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद पहली द्विपक्षीय उच्चस्तरीय बातचीत का अवसर है। यह यात्रा न केवल स्वतंत्रता दिवस समारोह में भारतीय उपस्थिति को दर्शाती है, बल्कि दोनों देशों के आपसी विश्वास को फिर से मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। दो दिवसीय इस दौरे के दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू के बीच कई अहम विषयों पर चर्चा की उम्मीद है, जिसमें क्षेत्रीय सहयोग, समुद्री सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक सहयोग जैसे मुद्दे प्रमुख रहेंगे।
निष्कर्ष पीएम मोदी की मालदीव यात्रा केवल एक औपचारिक कूटनीतिक पहल नहीं है, बल्कि यह भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और मालदीव के साथ ऐतिहासिक, सामाजिक और सामरिक रिश्तों की पुष्टि भी है। इस दौरे से दोनों देशों के संबंधों में नई ऊर्जा और दिशा मिलने की उम्मीद है।