16 दिसंबर, 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Chandigarh Desk: सुखना झील को अंतरराष्ट्रीय महत्व देने के लिए प्रशासन ने इसे रामसर साइट में शामिल करने का प्रस्ताव पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को भेजा है। इस प्रस्ताव के साथ इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट प्लान भी तैयार किया गया है, जिसमें अगले पांच साल के लिए झील के संरक्षण और विकास का रोडमैप शामिल है।
Integrated Management Plan में शामिल प्रमुख बातें
जीर्णोधार और डीसिल्टिंग: झील की गाद हटाकर जल क्षमता बढ़ाना और पानी की गुणवत्ता सुधारना।
पर्यटन सुविधाएँ: झील पर नए पर्यटक और रिसर्च गतिविधियों के लिए सुविधाओं का विकास।
पर्यावरण संरक्षण: पक्षियों और जीव-जंतुओं के संरक्षण पर विशेष ध्यान।
जल स्तर विकल्प: झील का पानी बरकरार रखना या बांध की ऊँचाई बढ़ाकर जल क्षमता लगभग 20% तक बढ़ाना।
फंड: प्रशासन को अगले पांच साल में 22.50 करोड़ रुपये का बजट मिलेगा।
रामसर साइट का महत्व
सुखना को रामसर साइट का दर्जा मिलने से यह अंतरराष्ट्रीय पहचान हासिल करेगा। ऐसे साइट्स जल-शोधन, बाढ़-नियंत्रण, जलवायु संतुलन, जीव-जंतु संरक्षण और स्थानीय आजीविका के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं। भारत में 2025 तक 89 रामसर साइट्स सूचीबद्ध हैं, जो दक्षिण एशिया में सबसे अधिक हैं।
झील की विशेषताएँ
क्षेत्रफल: लगभग 565 एकड़
कैचमेंट एरिया: लगभग 10,395 एकड़
1988 में राष्ट्रीय वेटलैंड घोषित
सुखना झील के रामसर साइट बनने के बाद यह शोधकर्ताओं, पक्षी प्रेमियों और पर्यटकों के लिए प्रमुख केंद्र बन जाएगी और स्थानीय पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान देगी।













