panhkula police dcp emergency meeting | पंचकूला में डीसीपी हिमाद्रि कोशिक ने की आपात बैठक: शिकायतों के त्वरित निपटान के निर्देश, थाना प्रभारियों को 48 घंटे का अल्टीमेटम – Panchkula News

बैठक में अधिकारियों से बात करते हुए डीसीपी हिमाद्रि कौशिक

हरियाणा के पंचकूला की डीसीपी हिमाद्रि कौशिक ने सेक्टर-1 स्थित पुलिस उपायुक्त कार्यालय में एक आपात बैठक आयोजित की। इस बैठक में सभी एसीपी और थाना प्रभारियों ने भाग लिया, जिसमें लंबित मामलों की समीक्षा की गई और उन्हें जल्द से जल्द हल करने के निर्देश दिए

शिकायतों के निपटान में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी

डीसीपी हिमाद्रि कौशिक ने बैठक के दौरान स्पष्ट किया कि पुलिस की प्राथमिक जिम्मेदारी शिकायतकर्ताओं को त्वरित न्याय दिलाना है। उन्होंने कहा कि केवल एफआईआर दर्ज करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि मामलों की निष्पक्ष जांच कर उन्हें निर्धारित समय सीमा के भीतर सुलझाना भी जरूरी है। इसके लिए उन्होंने सभी थाना प्रभारियों को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया और निर्देश दिया कि वे शिकायतकर्ताओं से स्वयं मिलें और कॉल के माध्यम से उनकी शिकायतों की प्रगति की जानकारी दें।

प्रत्येक थाना प्रभारी की कार्यशैली की होगी समीक्षा

डीसीपी ने चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी समय थाना स्तर पर प्राप्त शिकायतों और उनके निपटान की समीक्षा की जा सकती है। इसके लिए पुलिस विभाग द्वारा फीडबैक डेटा इकट्ठा किया जाएगा, जिससे थाना प्रभारियों की कार्यक्षमता और दक्षता का मूल्यांकन किया जाएगा। यदि किसी थाना क्षेत्र में लापरवाही या देरी पाई गई, तो संबंधित अधिकारी को इसकी जिम्मेदारी स्वयं लेनी होगी।

जांच प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के निर्देश

डीसीपी ने सभी थाना प्रभारियों को रिकॉर्ड व्यवस्थित रखने और जांच अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए, जिससे जांच प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि जिन थाना क्षेत्रों में लंबित मामलों की संख्या अधिक है, वहां आवश्यकता अनुसार अतिरिक्त जांच अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी।

बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति

इस महत्वपूर्ण बैठक में एसीपी कालका आशीष कुमार, एसीपी विक्रम नेहरा, एसीपी सुरेंद्र सिंह, एसीपी अजीत सिंह, एसीपी दिनेश कुमार समेत सभी थाना प्रभारी मौजूद रहे। बैठक के अंत में डीसीपी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें और लंबित मामलों के निपटान में तेजी लाएं, ताकि पुलिस व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाया जा सके।