30 जुलाई 2025 का पंचांग: आज कल्कि जयंती, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

30 जुलाई 2025 का पंचांग: आज कल्कि जयंती, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

30 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर

Rashifal Desk: आज का पंचांग  30 जुलाई 2025, बुधवार — स्कंद षष्ठी और कल्कि जयंती के शुभ अवसर पर जानें आज का शुभ मुहूर्त, राहुकाल और नक्षत्र विवरण                                                                        आज 30 जुलाई 2025, बुधवार को श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। इस दिन स्कंद षष्ठी और कल्कि जयंती का विशेष पर्व मनाया जा रहा है। सनातन धर्म में स्कंद षष्ठी का विशेष महत्व है, जिसमें भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत एवं पूजा से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-शांति आती है।

आज कई शुभ योग भी बन रहे हैं, जो पूजा-पाठ और मांगलिक कार्यों के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। आइए जानते हैं आज का विस्तृत पंचांग:

🗓 पंचांग विवरण
तिथि: शुक्ल षष्ठी

मास (पूर्णिमांत): श्रावण

दिन: बुधवार

संवत्: 2082

पक्ष: शुक्ल

🕰 तिथि, योग व करण का समय
षष्ठी तिथि समाप्ति: 31 जुलाई, रात्रि 02:41 बजे तक

सिद्ध योग समाप्ति: 31 जुलाई, रात्रि 03:40 बजे तक

करण:

कौलव: दोपहर 01:40 बजे तक

तैतिल: 31 जुलाई, रात्रि 02:41 बजे तक

🌅 सूर्य व चंद्र से जुड़ी जानकारी
सूर्योदय: सुबह 05:41 बजे

सूर्यास्त: शाम 07:41 बजे

चंद्रमा उदय: रात 10:44 बजे

चंद्रमा अस्त: सुबह 10:28 बजे

सूर्य की राशि: कर्क

चंद्र की राशि: कन्या

🌟 नक्षत्र जानकारी
आज का नक्षत्र: हस्त नक्षत्र (रात्रि 09:53 बजे तक)

नक्षत्र स्वामी: चंद्रमा

राशि स्वामी: बुध

देवता: सविता (सूर्योदय के देवता)

विशेषताएं: साहसी, परिश्रमी, बुद्धिमान, प्रेरणादायक, दानशील, खेल-कूद में निपुण

✅ शुभ मुहूर्त
अमृत काल: दोपहर 03:16 बजे से शाम 05:02 बजे तक

अभिजीत मुहूर्त: आज उपलब्ध नहीं

❌ अशुभ समय (दोष काल)
राहुकाल: दोपहर 12:27 से 02:09 बजे तक

गुलिक काल: सुबह 10:46 से दोपहर 12:27 बजे तक

यमगंड: सुबह 07:23 से 09:04 बजे तक

निष्कर्ष:
आज का दिन धार्मिक रूप से अत्यंत शुभ है। स्कंद षष्ठी पर भगवान कार्तिकेय की पूजा और कल्कि जयंती पर विष्णु के अंतिम अवतार की आराधना आपके जीवन में सकारात्मकता और सौभाग्य लेकर आ सकती है। शुभ कार्यों के लिए अमृत काल का विशेष रूप से ध्यान रखें और राहुकाल के समय पूजा-पाठ या कोई महत्वपूर्ण कार्य करने से बचें।