ज़िला स्तरीय फसल अवशेष प्रबंधन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

कृषि विज्ञान केंद्र फाजिल्का, आई.सी.ए.आर.-सीफेट अबोहर ने गाँव काठगढ़ में ज़िला स्तरीय फसल अवशेष प्रबंधन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

फाजिल्का, 13 सितंबर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर

Punjab Desk:  कृषि विज्ञान केंद्र फाजिल्का, आई.सी.ए.आर.-सीफेट अबोहर ने गाँव काठगढ़ में ज़िला स्तरीय फसल अवशेष प्रबंधन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. अरविंद अहलावत, प्रमुख वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केंद्र, तथा अन्य वैज्ञानिकों एवं स्टाफ सदस्यों के गर्मजोशी से स्वागत के साथ हुआ।

कार्यक्रम की तकनीकी सत्र की शुरुआत विशेषज्ञों के व्याख्यान से हुई, जिसमें पराली प्रबंधन, मिट्टी स्वास्थ्य प्रबंधन, रोग एवं कीट प्रबंधन आदि विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई। श्री पृथ्वी राज ने किसानों को संबोधित करते हुए पराली प्रबंधन के महत्व पर प्रकाश डाला और किसानों से इसे अपनाने की अपील की।

डॉ. रूपिंदर कौर ने विभिन्न कृषि उत्पादों के पश्चात कटाई प्रसंस्करण के बारे में बताते हुए ग्रामीण महिलाओं को द्वितीयक कृषि से अधिक से अधिक लाभ उठाने पर बल दिया। डॉ. प्रकाश चंद गुर्जर ने एकीकृत पोषक प्रबंधन और मिट्टी की सेहत पर फसल अवशेष जलाने के दुष्प्रभावों की चर्चा की। डॉ. जगदीश अरोड़ा ने कीट एवं रोग प्रबंधन तकनीकों की जानकारी देते हुए फसल उत्पादकता बढ़ाने के उपाय किसानों को बताए।

इस कार्यक्रम में गाँव काठगढ़ और आसपास के गाँवों से आए 130 से अधिक किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम के समापन सत्र में डॉ. किशन पटेल ने फसल अवशेष प्रबंधन परियोजना के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रम, प्रदर्शनी एवं जागरूकता गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने किसानों को हैपी सीडर, सुपर सीडर, मल्चर आदि आधुनिक कृषि यंत्रों के उपयोग के लिए प्रेरित किया और अधिकाधिक लाभ लेने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़े रहने की अपील की। इस अवसर पर किसानों को इन मशीनों का लाइव प्रदर्शन भी दिखाया गया, जिससे उन्हें व्यावहारिक जानकारी प्राप्त हुई। काठगढ़ गाँव में आयोजित यह ज़िला स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम न केवल किसानों को नई तकनीकों और योजनाओं से अवगत कराने में सफल रहा बल्कि पराली प्रबंधन और सतत कृषि की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।  अंत में डॉ. पटेल ने सभी विशेषज्ञों, सरपंच गुरदेश सिंह, कर्नैल सिंह, ग्राम पंचायत सदस्यों व किसानों का धन्यवाद करते हुए किसानों से कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़कर अधिक से अधिक लाभ लेने की अपील की।