25 जून 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
National Desk: भारत का गौरव: ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला आज रचेंगे इतिहास, बनेंगे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचने वाले पहले भारतीय
भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला बुधवार को एक ऐतिहासिक उपलब्धि की ओर अग्रसर हैं। वे भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के 41 साल बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बनेंगे। इतना ही नहीं, शुभांशु अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंचने वाले पहले भारतीय भी होंगे।
एक्सिओम-4 मिशन से रचेंगे इतिहास नासा और स्पेसएक्स की साझेदारी में संचालित हो रहे इस मिशन को फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। शुभांशु को ISS तक ले जाने वाला यह एक्सिओम-4 मिशन भारत के साथ-साथ पोलैंड और हंगरी के लिए भी ऐतिहासिक होगा, क्योंकि ये तीनों देश पहली बार किसी संयुक्त मानव अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा बन रहे हैं। शुभांशु के साथ इस मिशन में अमेरिका की पेगी व्हिट्सन, पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की और हंगरी के टिबोर कापू भी अंतरिक्ष यात्रा पर जा रहे हैं।
परिवार में खुशी का माहौल, मां ने बहू को दिया श्रेय इस ऐतिहासिक मौके पर शुभांशु के लखनऊ स्थित घर में उत्सव का माहौल है। उनकी मां आशा शुक्ला ने कहा, “यह हमारे पूरे परिवार और देश के लिए गर्व का क्षण है। बहू ने शुभांशु की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उसके समर्थन के बिना यह संभव नहीं होता।” वहीं, उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा, “हम उसका मिशन लॉन्च होते देखेंगे और भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वह सफल हो। वह न सिर्फ लखनऊ, बल्कि पूरे भारत का नाम रोशन कर रहा है।”
लखनऊ से अंतरिक्ष तक की उड़ान शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ में हुआ था। वह सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, अलीगंज के छात्र रहे हैं। 2003 में एनडीए में चयनित होने के बाद उन्होंने भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट के रूप में करियर की शुरुआत की। वह एक टेस्ट पायलट और फाइटर कॉम्बैट लीडर हैं, जिनके पास 2000 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव है।
गगनयान की तैयारी में भी निभाएंगे अहम भूमिका शुभांशु को 2021 में रूस के गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में अंतरिक्ष मिशन की गहन ट्रेनिंग दी गई। भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के लिए चयनित चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक शुभांशु को इस अंतरराष्ट्रीय मिशन से पहले अनुभव हासिल करने के लिए एक्सिओम-4 मिशन में भेजा जा रहा है।
शुभांशु बोले: यह यात्रा 1.4 अरब भारतीयों की है एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शुभांशु ने कहा था, “मैं भले ही अकेले जा रहा हूं, लेकिन यह सफर पूरे भारत का है। मैं अंतरिक्ष में अपने अनुभवों को तस्वीरों और वीडियो के जरिए रिकॉर्ड करूंगा, ताकि देशवासी मेरी आंखों से अंतरिक्ष को महसूस कर सकें।”
लॉन्च में देरी के कारण इस मिशन को कई बार तकनीकी कारणों और मौसम के चलते टाला गया। फाल्कन-9 रॉकेट में ईंधन और तरल ऑक्सीजन रिसाव, साथ ही ISS पर सर्विस मॉड्यूल में खराबी जैसी तकनीकी दिक्कतें सामने आई थीं।