10 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
Rashifal Desk: सावन 2025: जानें पूजन विधि, विशेष योग, चार सोमवार की तिथियां और शिव अभिषेक के लाभ सावन मास 2025 में 11 जुलाई (शुक्रवार) से शुरू होकर 9 अगस्त (शनिवार) को समाप्त होगा। इस बार सावन की शुरुआत शुभ योगों के साथ हो रही है, जिसमें भगवान शिव की उपासना का विशेष महत्व रहेगा। श्रावण मास के पहले दिन उत्तराषाढ़ा नक्षत्र रहेगा, जो प्रातः 5:57 बजे प्रारंभ होगा और इसके स्वामी सूर्य देव हैं। सावन का समापन रक्षाबंधन के दिन श्रवण नक्षत्र में होगा।
खास दिन और शुभ योग:
13 जुलाई: शनि होंगे वक्री – शिव साधना के लिए शुभ।
29 जुलाई: नागपंचमी का पर्व।
पूरे सावन में चार सोमवार पड़ेंगे, जो शिव पूजन के लिए अत्यंत फलदायी माने गए हैं।
सावन के चार सोमवार व्रत तिथियां:
14 जुलाई 2025 (प्रथम सोमवार): धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र, आयुष्मान व सौभाग्य योग।
21 जुलाई 2025 (द्वितीय सोमवार): रोहिणी नक्षत्र, वृद्धि योग, कामिका एकादशी और सर्वार्थ सिद्धि योग।
28 जुलाई 2025 (तृतीय सोमवार): पूर्वा फाल्गुनी और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र, रवि योग, विनायक चतुर्थी।
4 अगस्त 2025 (चतुर्थ सोमवार): अनुराधा और ज्येष्ठा नक्षत्र, ब्रह्म योग, इंद्र योग, सर्वार्थ सिद्धि योग।
इस वर्ष चंद्रमा की विशेष स्थितियों, जैसे वृश्चिक राशि में गोचर और ग्रहण योग आदि के चलते शिव पूजन मानसिक शांति, चंद्र दोष और पितृ दोष की शांति के लिए भी प्रभावी होगा।
विशेष शिव मंत्र और उनके लाभ:
ज्ञान, यश और ऐश्वर्य के लिए:
ॐ ऐं नम: शिवाय
कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता:
ॐ क्रीं नम: शिवाय क्रीं ॐ (जाप 36 बार)
सौभाग्य की प्राप्ति हेतु:
ॐ साम्ब सदाशिवाय नम: (जाप 108 बार)
स्वास्थ्य लाभ व दीर्घायु के लिए (महामृत्युंजय मंत्र):
ॐ हौं जूं सः
शिवलिंग पर अभिषेक और उनके विशेष फल:
जल से: दीर्घायु और विघ्नों का नाश
दूध से: निरोगी काया
गंगाजल से: मोक्ष प्राप्ति
घी से: सुख-समृद्धि
गन्ने के रस से: लक्ष्मी कृपा
सरसों तेल से (श्रावण मास विशेष): शत्रु बाधा से मुक्ति
आम रस से: संतान प्राप्ति
इत्र से: यश व प्रसिद्धि
शक्कर से: पुष्टि में वृद्धि
सावन माह भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का सबसे पवित्र अवसर माना जाता है। शुभ योग, मंत्र जाप और सही अभिषेक विधि से किए गए पूजन से भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है।