डिस्चार्ज से पहले ही मिलेगा नवजात का बर्थ सर्टिफिकेट, राज्यों को जारी किए गए निर्देश

27 जून 2025 फैक्टर रिकॉर्डर

National Desk: डिस्चार्ज से पहले ही मिलेगा नवजात का बर्थ सर्टिफिकेट, केंद्र ने राज्यों और अस्पतालों को दिए सख्त निर्देश

जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि निजी और सरकारी अस्पतालों को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि नवजात शिशु का जन्म प्रमाण पत्र उसकी मां को अस्पताल से छुट्टी (डिस्चार्ज) होने से पहले ही सौंप दिया जाए।

यह आदेश देशभर के सभी अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर लागू होगा, विशेषकर उन संस्थानों पर जो देश में 50% से अधिक संस्थागत जन्मों के लिए जिम्मेदार हैं।

RGI ने बताया कि यह कदम जन्म प्रमाण पत्र की बढ़ती जरूरत और उपयोगिता को देखते हुए उठाया गया है। डिजिटल बर्थ सर्टिफिकेट अब स्कूलों में प्रवेश, सरकारी नौकरी, पासपोर्ट, विवाह पंजीकरण, राशन कार्ड, मतदाता पहचान, संपत्ति पंजीकरण जैसे तमाम जरूरी दस्तावेजों के लिए अनिवार्य हो चुका है।

7 दिनों के भीतर प्रमाण पत्र अनिवार्य
रजिस्ट्रार कार्यालय ने कहा कि नवजात के जन्म के बाद सात दिनों के भीतर परिवार को जन्म प्रमाण पत्र प्रदान कर दिया जाना चाहिए, चाहे वह डिजिटल माध्यम से हो या फिजिकल फॉर्म में।

RBD कानून में हुआ संशोधन
बता दें कि यह नियम जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम (RBD Act), 1969 की धारा 12 के तहत लागू किया गया है। इस कानून में 2023 में संशोधन किया गया था, जिसके तहत 1 अक्टूबर 2023 से देश में जन्म और मृत्यु का पंजीकरण केंद्र सरकार के डिजिटल पोर्टल पर करना अनिवार्य कर दिया गया है।

पहले राज्यों के पास स्वतंत्र डेटाबेस हुआ करता था, लेकिन संशोधन के बाद अब सभी डेटा केंद्र के पोर्टल पर अपलोड किए जाते हैं। ये डेटा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR), राशन कार्ड, मतदाता सूची और संपत्ति पंजीकरण जैसे दस्तावेजों को अपडेट करने में इस्तेमाल होते हैं।

पहले भी दी गई थी चेतावनी
मार्च 2024 में RGI ने एक सर्कुलर जारी कर निजी और सरकारी अस्पतालों को आगाह किया था कि वे जन्म और मृत्यु की घटनाओं की जानकारी 21 दिनों के भीतर अनिवार्य रूप से दें। यह चेतावनी उन अस्पतालों के लिए थी जो समय पर रिपोर्ट नहीं कर रहे थे और कानून की अनदेखी कर रहे थे।

सरकार के इस फैसले से उम्मीद की जा रही है कि अब नागरिकों को बर्थ सर्टिफिकेट के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा और जन्म के तुरंत बाद यह महत्वपूर्ण दस्तावेज उनके हाथ में होगा।