हरियाणा में आज से लागू हुई नई जीएसटी दरें, कई वस्तुएं और सेवाएं हुईं सस्ती

हरियाणा में आज से लागू हुई नई जीएसटी दरें, कई वस्तुएं और सेवाएं हुईं सस्ती

22 सितंबर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर

Haryana Desk: हरियाणा में लागू हुई नई जीएसटी दरें: उपभोक्ता सामान और कृषि उपकरण हुए सस्ते चंडीगढ़। केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी दरों में बदलाव का फैसला लेने के बाद हरियाणा में भी सोमवार से नई दरें लागू कर दी गई हैं। GST Council की सिफारिशों के अनुसार प्रदेश सरकार ने हरियाणा माल एवं सेवा कर (एचजीएसटी) में संशोधन किया है। इसके तहत परिवहन शुल्क, उपभोक्ता वस्तुएं, कृषि उपकरण और अन्य सामान पर कर दरों में कटौती की गई है।

आबकारी एवं कराधान विभाग की आयुक्त एवं सचिव आशिमा बराड़ और आयुक्त सह राज्य कर आयुक्त विनय प्रताप सिंह ने टैक्स दरों में बदलाव को लेकर एक दर्जन अधिसूचनाएं जारी की हैं। अब दो करोड़ रुपये तक कारोबार करने वाले व्यापारियों और उद्यमियों को वार्षिक रिटर्न भरने की आवश्यकता नहीं होगी। इस बदलाव से हरियाणा के गरीब, किसान और मध्यम वर्ग के लोगों को करीब चार हजार करोड़ रुपये का लाभ मिलने की उम्मीद है।

नई दरों के अनुसार, पैक्ड दूध और पनीर पर जीएसटी समाप्त कर दिया गया है, जबकि घी, मक्खन और सूखे मेवे पर दरें 12% से घटाकर 5% कर दी गई हैं। रोटी और परांठे जैसे खाद्य पदार्थों पर जीएसटी हटाने से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। जीवन रक्षक दवाओं और जीवन एवं स्वास्थ्य बीमा पर भी जीएसटी समाप्त कर दिया गया है।

डायग्नोस्टिक किट जैसे ग्लूकोमीटर और रीजेंट पर जीएसटी अब 5% होगी। छोटी कारों पर जीएसटी दर 28% से घटाकर 18% कर दी गई है, जिससे मध्यम वर्ग के लिए वाहन खरीदना आसान होगा और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में मांग बढ़ेगी। वहीं, तंबाकू उत्पाद, पान मसाला, सिगरेट और चीनी व कैफीन युक्त पेय पदार्थों पर 40% जीएसटी लगाया गया है, ताकि हानिकारक उत्पादों की खपत कम हो।

सीमेंट पर जीएसटी घटाने से मकान निर्माण सस्ता होगा। सिंचाई और जुताई मशीनरी जैसे कृषि उपकरणों पर 12% से घटाकर 5% जीएसटी लागू किया गया है, जिससे किसान सस्ते उपकरण खरीद सकेंगे। जैव-कीटनाशक और उर्वरक जैसे अमोनिया, सल्फ्यूरिक एसिड और नाइट्रिक एसिड पर भी 5% जीएसटी लागू है, जिससे इनपुट लागत कम होगी और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, ट्रैक्टर और उसके पुर्जों पर भी जीएसटी दर घटाई गई है।

इस बदलाव से उपभोक्ताओं और किसानों दोनों को राहत मिलेगी, साथ ही प्रदेश में व्यापारिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।