24 जून 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
Education Desk: NEET UG 2025 परीक्षा के परिणाम जारी होने के बाद अब छात्र MBBS और BDS में दाखिले के लिए काउंसलिंग का इंतजार कर रहे हैं। जल्द ही राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) काउंसलिंग प्रक्रिया की तारीखों की घोषणा कर सकता है। इस साल MBBS की कुल 1,18,190 सीटों पर दाखिला लिया जाएगा, जो देश भर के सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में फैली हुई हैं। इसी कड़ी में देश के पहले मेडिकल कॉलेज — मेडिकल कॉलेज, कोलकाता — की जानकारी खास मायने रखती है। इसकी स्थापना 28 जनवरी 1835 को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने की थी। इसे भारत में एलोपैथिक चिकित्सा शिक्षा की शुरुआत के उद्देश्य से लॉर्ड विलियम बेंटिक ने स्थापित कराया था। इसके पहले बैच में बंगाल, बिहार और उत्तर भारत के 20 छात्रों को दाखिला मिला था। कादंबिनी गांगुली, जो भारत की पहली महिला डॉक्टरों में से एक थीं, ने भी 1886 में यहीं से MBBS की पढ़ाई की थी।
कोलकाता मेडिकल कॉलेज में वर्तमान में MBBS की कुल 250 सीटें हैं, जिनमें से 15% यानी 38 सीटें ऑल इंडिया कोटे और 85% यानी 212 सीटें पश्चिम बंगाल राज्य कोटे से भरी जाती हैं। पूरे राज्य में कुल 38 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें से 26 प्राइवेट हैं। पश्चिम बंगाल में MBBS की कुल 5676 सीटें हैं, जिनमें 3826 सरकारी और बाकी प्राइवेट, सोसाइटी और ट्रस्ट कॉलेजों में हैं। कोलकाता मेडिकल कॉलेज में MBBS की कुल ट्यूशन फीस केवल ₹40,500 है, और हॉस्टल शुल्क महज ₹648 प्रति वर्ष है, जो इसे देश के सबसे सस्ते मेडिकल कॉलेजों में से एक बनाता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2024 में ऑल इंडिया कोटे के तहत जनरल कैटेगरी के लिए इस कॉलेज में MBBS की कट-ऑफ रैंक 3427 थी। 2025 में यह कट-ऑफ 610 से 630 अंकों के बीच रहने की संभावना जताई जा रही है। कॉलेज का कैंपस करीब 26 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग हॉस्टल हैं। छात्रों के लिए 24 घंटे वाई-फाई, जिम, योगा की सुविधा, साथ ही क्रिकेट, बैडमिंटन और वॉलीबॉल जैसे खेलों के मैदान उपलब्ध हैं। यहां सालभर सांस्कृतिक और खेलकूद कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, जिससे छात्रों को संपूर्ण विकास का अवसर मिलता है।