10/April/2025 Fact Recorder
09:28 AM, 10-APR-2025
एडवोकेट नरेंद्र मान विशेष लोक अभियोजक नियुक्त
केंद्र सरकार ने एडवोकेट नरेंद्र मान को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया है। सरकार की ओर से कहा गया कि केंद्र सरकार एडवोकेट नरेंद्र मान को राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ओर से दिल्ली स्थित एनआईए विशेष अदालतों और अपीलीय अदालतों में तहव्वुर हुसैन राणा और डेविड कोलमैन हेडली के खिलाफ मामलों के लिए यह जिम्मेदारी सौंपती है। उन्हें एनआईए मामला आरसी-04/2009/एनआईए/डीएलआई (तहव्वुर हुसैन राणा और डेविड कोलमैन हेडली के खिलाफ) से संबंधित मुकदमे और अन्य मामलों के संचालन के लिए विशेष लोक अभियोजक के रूप में नियुक्त किया गया है। नियुक्ति इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से 3 वर्ष की अवधि के लिए या मुकदमे के पूरा होने तक, जो भी पहले हो, के लिए की गई है।08:12 AM, 10-APR-2025
हेडली का करीबी है राणा
पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक राणा पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकी डेविड कोलमैन हेडली का करीबी है। हेडली 26 नवंबर, 2008 के मुंबई आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है। हमले में छह अमेरिकियों समेत कुल 166 लोग मारे गए थे। हमलों को पाकिस्तानी आतंकियों ने अंजाम दिया था। राणा से पूछताछ में पाकिस्तानी आकाओं का सुराग मिलने की उम्मीद है। 08:05 AM, 10-APR-2025
जान को खतरा बताकर प्रत्यर्पण से छूट मांगी थी
इससे पहले भी राणा ने बीमारी और भारत में अपनी जान को खतरा बताकर प्रत्यर्पण से छूट मांगी थी। फरवरी में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि उन्होंने राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है।08:02 AM, 10-APR-2025
तहव्वुर ने अपनाए कई हथकंडे
राणा ने 27 फरवरी को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की एसोसिएट न्यायाधीश व नाइंथ सर्किट की सर्किट जज एलेना कागन के समक्ष बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के लंबित मुकदमे पर रोक के लिए आपातकालीन आवेदन दिया था। गत माह की शुरुआत में ही जज कागन ने अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद राणा ने फिर से अर्जी दी। 4 अप्रैल को इस पर सुनवाई हुई और सुप्रीम कोर्ट ने अपील खारिज कर दी।
07:49 AM, 10-APR-2025
राणा का प्रत्यर्पण मोदी सरकार की बड़ी सफलता: शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, राणा का प्रत्यर्पण मोदी सरकार की बड़ी सफलता है। सरकार का प्रयास भारत के सम्मान, भूमि व लोगों पर हमला करने वालों को न्याय के कठघरे में लाने का है।07:46 AM, 10-APR-2025
राणा को लेकर टीम गुरुवार दोपहर तक भारत पहुंचेगी टीम
राणा ने प्रत्यर्पण से बचने के आखिरी दांव के रूप में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। दो दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी। राणा को भारत लाने के लिए पहले से ही अमेरिका में भारतीय एजेंसियों की टीम पहुंच गई थी। फैसले के बाद टीम ने अमेरिकी अधिकारियों के साथ राणा के प्रत्यर्पण की कागजी व कानूनी प्रक्रियाएं पूरी कीं और हिरासत में ले लिया। राणा को लेकर टीम गुरुवार दोपहर तक भारत पहुंचेगी।07:34 AM, 10-APR-2025
‘तहव्वुर राणा अमेरिकी जेल ब्यूरो की हिरासत में नहीं’
मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा जेल ब्यूरो (बीओपी) की हिरासत में नहीं है। संघीय जेल ब्यूरो की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार तहव्वुर राणा 8 अप्रैल, 2025 तक बीओपी हिरासत में नहीं है। एजेंसी के एक अधिकारी ने बुधवार को पीटीआई को बताया कि राणा जेल ब्यूरो (बीओपी) की हिरासत में नहीं है। यदि किसी व्यक्ति को रिहा या बीओपी हिरासत में नहीं के रूप में सूचीबद्ध किया गया है और कोई सुविधा स्थान दर्ज नहीं किया गया है, तो कैदी अब बीओपी हिरासत में नहीं है। हालांकि, कैदी अभी भी किसी अन्य सुधारात्मक, आपराधिक न्याय प्रणाली या कानून प्रवर्तन इकाई की हिरासत में हो सकता है। वह पैरोल या निगरानी रिहाई पर भी हो सकता है। वेबसाइट पर कैदी लोकेटर जानकारी में तहव्वुर राणा का रजिस्टर नंबर ‘22829-424’ और उसकी आयु, जाति और लिंग दर्ज है।07:31 AM, 10-APR-2025
दिल्ली के राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) मुख्यालय के बाहर दृश्य। आज 26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित करके भारत लाया जाएगा।07:19 AM, 10-APR-2025
Tahawwur Rana Extradition LIVE: तहव्वुर राणा भारत लाया जा रहा; एडवोकेट नरेंद्र मान होंगे विशेष लोक अभियोजक
Tahawwur Rana Extradition To India From US Live Updates In Hindi: मुंबई में 26/11 के आतंकी हमले में आरोपी तहव्वुर राणा को गुरुवार को अमेरिका से भारत लाया जा रहा है। भारत प्रत्यर्पित होने से बचने के लिए तहव्वुर राणा ने सारे हथकंडे अपनाए, लेकिन अमेरिका की अदालतों में उसकी कोई चाल सफल नहीं हुई। राणा के प्रत्यर्पण से आतंकी हमले में पाकिस्तान सरकार की भूमिका उजागर होने की उम्मीद है। मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित किए जाने के बाद भारत पहुंचने पर तिहाड़ जेल में उच्च सुरक्षा वाले वार्ड में रखा जा सकता है।