मुहर्रम से पहले मिडल ईस्ट में बेचैनी, खामेनेई की चुप्पी बनी रहस्य – तूफान से पहले सन्नाटा?

05 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर

International Desk: ईरान-इज़रायल संघर्ष: सीज़फायर के बावजूद हमले जारी, 6 जुलाई को बड़े टकराव की आशंका                                                                                                                    हालांकि इज़रायल और ईरान के बीच आधिकारिक रूप से संघर्षविराम लागू हो चुका है, लेकिन ईरान में जारी रहस्यमयी विस्फोट इस बात का संकेत दे रहे हैं कि हालात अभी भी पूरी तरह शांत नहीं हुए हैं। तेहरान समेत कई हिस्सों में हो रहे हमलों को लेकर अब तक ईरान की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन जानकारों का मानना है कि यह “तूफान से पहले की खामोशी” हो सकती है।

खामोशी का रहस्य: मुहर्रम की 10वीं तारीख पर टिकी निगाहें
सूत्रों के अनुसार, ईरान 6 जुलाई — यानी मुहर्रम की 10वीं तारीख — का इंतजार कर रहा है। इसी दिन इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका यात्रा पर रवाना होंगे और माना जा रहा है कि वे वहां ईरान पर सैन्य कार्रवाई के लिए अमेरिकी समर्थन मांग सकते हैं। अगर अमेरिका की ओर से हरी झंडी मिलती है, तो खामेनेई की रणनीतिक स्थिति कमजोर पड़ सकती है। इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि ईरान इस बार पहले ही आक्रामक कदम उठा सकता है।

ईरान का तीन-चरणीय जवाबी हमला संभव
मीडिया रिपोर्ट्स और खुफिया सूत्रों के मुताबिक, ईरान एक त्रि-स्तरीय जवाबी हमले की योजना पर काम कर रहा है, जिसमें हिज़्बुल्लाह और यमनी हूती विद्रोही भी शामिल हो सकते हैं। यह हमला व्यापक और अत्यंत विनाशकारी हो सकता है। संभावित रणनीति में शामिल होंगे:

बैलिस्टिक मिसाइल अटैक: ईरान सीधे इज़रायल पर मिसाइलों से हमला कर सकता है।

साइबर वॉरफेयर: इज़रायल की बिजली व्यवस्था, बैंकिंग सिस्टम, सैन्य संचार और अन्य बुनियादी ढांचे को साइबर अटैक से निशाना बनाया जा सकता है।

प्रॉक्सी वॉर: हिज़्बुल्लाह और हूती जैसे संगठनों के जरिए दक्षिण और उत्तर से दबाव बनाया जा सकता है।

इज़रायल के तर्क: ईरान वैश्विक खतरा
इज़रायल इस समय अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह समझाने में लगा है कि ईरान केवल मध्य पूर्व के लिए ही नहीं, बल्कि यूरोप और अमेरिका के लिए भी गंभीर खतरा बनता जा रहा है। इसके लिए वह तीन मुख्य तर्क दे रहा है:

ईरान के पास 10 परमाणु बम बनाने जितना संवर्धित यूरेनियम मौजूद है।

उसके पास ऐसी लंबी दूरी की मिसाइलें हैं, जो निकट भविष्य में अमेरिका तक को निशाना बना सकती हैं।

वह अपने प्रॉक्सी संगठनों की संख्या और ताकत दोनों बढ़ा रहा है।

CENTCOM की हलचल: अमेरिका-इज़रायल में बढ़ी सैन्य चर्चा
ईरान की संभावित जवाबी कार्रवाई को देखते हुए अमेरिका भी सतर्क हो गया है। अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के कमांडर हाल ही में तेल अवीव पहुंचे, जहां उन्होंने इज़रायली सेना प्रमुख और अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारियों से करीब तीन घंटे तक बैठक की। इस मीटिंग में ईरान से उत्पन्न संभावित खतरे, हालिया घटनाक्रम, और युद्ध के विभिन्न परिदृश्यों पर चर्चा की गई।

इसके अलावा CENTCOM कमांडर ने इज़रायली एयरफोर्स के भूमिगत कमांड सेंटर का निरीक्षण भी किया — जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि हालात सामान्य नहीं हैं।